74वें अणुव्रत स्थापना दिवस पर धार्मिकता की बताई कसौटी
बुधवार को होगी वृहद अणुव्रत काव्यधारा
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में अणुव्रत समिति चेन्नई की आयोजना में मुनि श्री अर्हतकुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन, तण्डियारपेट में 74वॉ अणुव्रत स्थापना दिवस मनाया गया।
मुनिश्री ने धर्मपरिषद् को सम्बोधित करते हुए कहा कि अणुव्रत मानव को मानव बनाने की प्रक्रिया है। छोटे-छोटे नियमों का पुलिंदा है अणुव्रत। भारत की आजादी के समय राष्ट्र संत गणाधिपति तुलसी के मानस में एक चिन्तन उभरा और क्रियान्विती के रूप में अणुव्रत आन्दोलन का प्रवर्तन हुआ। असाम्प्रदायिक इस आन्दोलन में व्यक्तिशः सुधार की अप्रेक्षा को परिलक्षित किया गया है। अणुव्रत कहता है कि पहले स्वयं सुधरे, फिर समाज को सुधारने का प्रयास करने से सफलता प्राप्त हो सकती हैं। देश सुधार का स्वप्न भी फलीत हो सकता है।
मुनि श्री ने विशेष रूप से कहा कि हम धार्मिक तभी कहलाने के काबिल होंगे, जब हमारे व्यवहार, व्यापार में नैतिकता, प्रमाणिकता, इमानदारी होगी। कथनी करनी में एकरूपता होगी।
मुनि भरतकुमार, मुनि जयदीपकुमार ने भी विषयनाकुल विचार प्रकट करते हुए अणुव्रतों के नियमों से सम्यक जीवन निर्माण की प्रेरणा दी। अणुव्रत समिति सदस्यों द्वारा मंगलाचरण गीत प्रस्तुत किया गया। अध्यक्ष ललीत आंचलिया ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। मंत्री अरिहंत बोथरा ने अणुव्रत के इतिहास और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए आभार प्रकट किया। इस अवसर पर धर्मसंघ की संघीय संस्थाओं के पदाधिकारियों, सदस्यों के साथ काफी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए। तण्डियारपेट सभा ट्रस्ट के मुख्यन्यासी इन्दरचन्द डुंगरवाल ने मुनिवृंद के तण्डियारपेट पधारने पर स्वागत अभिनन्दन किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन देवीलाल हीरण ने और धन्यवाद ज्ञापन तण्डियारपेट ट्रस्ट के मंत्री पुनमचन्द माण्डोत ने दिया।
अणुव्रत काव्यधारा का होगा आयोजन
अणुव्रत समिति सहमंत्री स्वरूप चन्द दाँती ने बताया कि बुधवार शाम को बिन्नी मील, नॉर्थ टाउन में मुनिवृंद के सान्निध्य में विराट अणुव्रत काव्यधारा का आयोजन किया जायेगा। जिसमें ख्यातिनाम कवी अपनी कविता पाठ करेंगे।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई
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श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई