आकुर्डी- निगडी- प्राधिकरण श्री संघ मे उपप्रवर्तिनी महाराष्ट्र सौरभ पु. चंद्रकलाश्री जी म.सा. आदि ठाणा ३ का चातुर्मास जारी है ! आजके प्रवचन मे साध्वी स्नेहाश्री जी ने मुस्कुराते चेहरेपर उद्बोधन दिया!
एक हंसता हुआ चेहरा व्यक्ति के खुले जीवन, अनुशासन , उसकी खुशनुमा जिंदगी , उसका मधुर व्यवहार, व्यक्ति का मित्रीत्व जीवन, समायोजन की शक्ति, शालीनता, अपनापन और रिश्ते की गहराई आदि विशेषताओं को दर्शाता है।
मुस्कुराना ही अपने आप में एक कला है, जो प्रत्येक व्यक्ति के पास नहीं होती और हमेशा मुस्कुराना भी बड़ा कठिन कार्य है, जो हर किसी द्वारा संभव भी नहीं है।
क्योंकि व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की परिस्थितियां होती है, उन परिस्थितियों के अनुसार सुख और दुख में स्वयं का समायोजन करते हुए खुद के चेहरे पर एक मुस्कुराहट रखना अपने आप में मुश्किल कार्य है।
मुस्कुराकर के व्यक्ति दुश्मन को भी मित्र बना सकता है।
मुस्कुरा कर के व्यक्ति कैसे भी कठिन कार्य को बहुत सरल तरीके से पूर्ण कर सकता है।
मुस्कुरा कर के व्यक्ति कैसे भी कठोर व्यक्ति को सरल बना सकता है।
मुस्कुरा कर के व्यक्ति टूटे हुए रिश्तो को जोड़ सकता है ।
मुस्कुराहट के द्वारा व्यक्ति अपना मित्र परिवार बहुत बड़ा कर सकता है।
मुस्कुराहट के द्वारा व्यक्ति अपनी एक अलग पहचान बना सकता है।
तो मैं कहना चाहूंगा यह मुस्कुराहट एक ऐसी खूबी है, जिसके द्वारा व्यक्ति अपने जीवन में अनेकों अनेक बदलाव ला सकता है।