चेन्नई के बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट साहूकारपेट में स्थित स्वाध्याय भवन में श्रावण शुक्ल पक्खी पर्व जप-तप- त्याग पूर्वक मनाया गया | श्रद्धालुओं द्वारा आलोयणा का पाठ किया गया | पक्खी पाक्षिक पर्व पर स्वाध्यायी बन्धुवरों श्री प्रकाशचन्दजी ओस्तवाल,श्री भवरलालजी लोढा,कांतिलालजी तातेड़, सुमेरचंदजी बागमार, नवरतनमलजी बागमार ने चार प्रहर के पौषध व आर वीरेन्द्रजी कांकरिया, लीलमचन्दजी बागमार,बाबू धनपतराजजी सुराणा,विकास जी बम्ब, पंकजजी सुराणा,ने रात्रिकालीन संवर की साधना की |
इस प्रसंग पर स्वाध्यायी श्री बादलचन्दजी बागमार ने देवसीय व नवरतनमलजी बागमार, भवरलालजी लोढा ने रायसी प्रतिक्रमण करवाया | पौषध व संवर साधना करने वालों के संग श्री उम्मेदराजजी ज्ञानचन्दजी बागमार आर नरेन्द्रजी कांकरिया नवरतनमलजी चोरडिया,दीपकजी श्रीश्रीमाल इंदरचंदजी कर्णावट, अशोकजी रांका,गौतमचन्दजी मुणोत,ने सायंकालीन प्रतिक्रमण करते हुए सर्व जीव राशि से क्षमायाचना की | जैन संकल्प, दैनिक संकल्प,गुरु भगवन्तो की सुखसाता पृच्छा पाठ, वन्दन आदि मांगलिक के साथ श्रावण पक्खी प्रसंग आध्यात्मिक पर्व के रुप में संपन्न हुआ |
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु के निवर्तमान कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने बताया कि पक्खी पाक्षिक पर्व के पावन प्रसंग पर स्वाध्यायी बन्धुवरों ने सामायिक स्वाध्याय भवन, किलपाक में चातुर्मार्षात विराजित आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हीराचन्द्रजी म.सा भावी आचार्य पूज्यश्री महेन्द्रमुनिजी म.सा की आज्ञानुवर्तिनी व्याख्यात्री महासतजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा आदि ठाणा 7 के दर्शन-वन्दन व प्रवचन श्रवण किए | इस पावन प्रसंग पर चेन्नई महानगर के अनेक क्षेत्रों से सेकंडों की संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने सामायिक साधना करते हुए महासतीजी श्री वर्षाजी म.सा के मुखारविन्द से धर्म बोध कक्षा में भाग लेकर प्रेरणा प्राप्त की | महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा व श्री सिन्धुप्रभाजी म.सा के मुखारविन्द से अनेक आगमों शास्त्रों में उल्लेखित उद्दरणों के माध्यम से फरमाए प्रवचनों को श्रवण किया | महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा के मुखारविन्द से अनेक श्रद्धालुओं ने तप-त्याग व प्रत्याख्यान व मांगलिक श्रवण की | विभिन्न धार्मिक- आध्यात्मिक कार्यक्रमों के साथ श्रावण शुक्ल पक्खी पाक्षिक पर्व सम्पन्न हुआ |