Share This Post

Featured News / Featured Slider / Khabar

साहुकार पेठ चेन्नई में आयोजित होगा विश्व शान्ति जप महोत्सव

साहुकार पेठ चेन्नई में आयोजित होगा विश्व शान्ति जप महोत्सव

गुरु पद्म-अमर कुलभूषण सेवा सुमेरु श्रमण संघीय उपप्रवर्तक परम पूज्य श्री पंकज मुनि जी म.सा. के पावन सान्निध्य में तथा दक्षिण सूर्य प्रखर वक्ता परम पूज्य गुरुदेव डॉ. श्री वरुण मुनि जी म.सा. की प्रेरणा से श्री एस-एस- जैन संघ, साहुकार पेठ, चेन्नई के तत्वावधान में गुरु आत्म-शुक्ल-शिव-अमर जयंती के पावन प्रसंग पर दिनांक 11 सितम्बर 2022 को विश्व शांति जप साधना का बृहद् स्तर पर आयोजन किया जा रहा है। इस प्रसंग पर एक साथ 2151 जोड़ों द्वारा नवकार महामंत्र के बीज मंत्र का सामूहिक जप किया जाएगा। पूरे चेन्नई महानगर में इस ऐतिहासिक आध्यात्मिक जप-अनुष्ठान के प्रति उत्साह और उमंग का वातावरण बना हुआ है।

‘शान्ति और सौहार्द्र’ की वर्तमान विश्व के लिए अपरिहार्य आवश्यकता है। इसी आवश्यकता को दृष्टिपथ में रखते हुए श्रुताचार्य वाणी भूषण उत्तर भारतीय प्रवर्तक प.पू. गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म.सा. की पावन प्रेरणा से सन् 2012 में प्रथम बार ‘विश्व शांति जप’ का आयोजन किया गया था। तब से वर्तमान तक यह आयोजन उप प्रवर्तक प.पू. श्री पंकज मुनि जी म.सा. के सान्निध्य में दक्षिण सूर्य डॉ. श्री वरुण मुनि जी म.सा. की प्रेरणा से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।

जब एक साथ समवेत स्वर में 2151 जोड़ों द्वारा मंत्र का जप किया जाएगा तो शुभ और मंगल परमाणुओं का प्रसार होगा। शुभ के प्रसार से अशुभ का शमन होगा। मंगल की सृष्टि से अमंगल का लोप होगा। वैश्विक शान्ति के विभिन्न उपक्रमों में यह आयोजन अपनी प्रमुख भूमिका निभाएगा।

सद्गुरु ‘आत्म-शुक्ल-शिव-अमर’ – इन चार महापुरुषों की जन्म-जयंती पर यह आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। इन महापुरुषों के जीवन विश्व-शांति और विश्व-मंगल में समर्पित रहे हैं। श्रमण संघ के प्रथम आचार्य सम्राट प.पू. श्री आत्माराम जी म.सा. ज्ञान के देवता थे। समग्र आगम-वांगमय उनकी प्रज्ञा में प्रतिष्ठित था। उन्होंने आगमों पर विशाल व्याख्याओं की रचना करके एक महान कार्य किया। पंजाब प्रवर्तक प.पू. श्री शुक्लचन्द्र जी म.सा. एक शुक्ल-आत्मा महापुरुष थे। संगठन और शान्ति के अग्रदूत थे। श्रमण संघ के वर्तमान आचार्य सम्राट प.पू. डॉ. श्री शिव मुनि जी म.सा. एक ध्यानयोगी महापुरुष हैं। ध्यान साधना द्वारा पूज्य श्री जन-जन को शान्ति और समता का पाठ पढ़ा रहे हैं।

श्रुताचार्य वाणीभूषण साहित्य सम्राट उत्तर भारतीय प्रवर्तक प.पू. गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म.सा. साक्षात् सरस्वती-पुत्र थे। अपने ओजस्वी प्रवचनों द्वारा वे पाँच दशकों तक जगत को प्रेम और शान्ति का संदेश देते रहे। उन्होंने जैन आगमों को हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में अनुवादित करके बहुरंगी आकर्षक चित्रें के संयोजन के साथ प्रकाशित कराया और विश्व भर में वितरित कराया। गुरुदेव ने विश्व में प्रथम बार आगमों को अंग्रेजी अनुवाद सहित प्रकाशित कराने का ऐतिहासिक कार्य किया। लगभग 25 वर्ष पूर्व गुरुदेव ने यह महान कार्य प्रारंभ किया और अपने जीवन-काल में 22 आगमों को प्रकाशित कराया। गुरुदेव के देवलोकगमन के पश्चात् उनके शिष्य दक्षिण सूर्य प.पू. डॉ. श्री वरुण मुनि जी म.सा. इस महान कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। इस विधा में अद्यतन 26 आगमों का प्रकाशन सम्पन्न हो चुका है।

विशेष तथ्य यह है कि सद्गुरु चतुष्ट्य की जन्म-जयंती पर आयोजित ‘विश्व शांति जप साधना’ के पावन प्रसंग पर गुरुदेव श्री द्वारा सम्पादित एवं हिन्दी-अंग्रेजी भाषा में अनुदित सचित्र ‘श्री कल्पसूत्र’ के चतुर्थ संस्करण का विमोचन भी किया जाएगा। यह आगम कई बहुरंगी चित्रें से सुसज्जित और समृद्ध है। श्री कल्पसूत्र जैन जगत में बहु प्रचलित और सर्वाधिक पढ़ा / पढ़ाया जाने वाला आगम है।

11 सितम्बर को आयोजित होने वाले इस जप महामहोत्सव तथा सद्गुरु चतुष्ट्य जन्मोत्सव पर चेन्नई महानगर में विराजित सभी जैन सम्प्रदायों के प.पू. आचार्य भगवन्त, साधु भगवन्त एवं पूज्य महासाध्वियां जी म3.सा. पधारेंगे तथा अपना आशीर्वाद व संदेश प्रदान करेंगे।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar