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साध्वी रमणीक कुंवर जी की बड़ी मांगलिक में उमड़ा जनसैलाब, देशभर से श्रद्धालु आए

साध्वी रमणीक कुंवर जी की बड़ी मांगलिक में उमड़ा जनसैलाब, देशभर से श्रद्धालु आए

14 वर्ष बाद शिवपुरी में हुई बड़ी मांगलिक, साध्वी रमणीक कुंवर जी ने कहा- बड़ी मांगलिक से आपकी श्रद्धा के कारण चमत्कार

Sagevaani.com @शिवपुरी। शिवपुरी को प्रसिद्ध जैन साध्वी रमणीक कुंवर जी की बड़ी मांगलिक का लाभ 14 वर्ष पश्चात मिला। गुरुणी मैया की बड़ी मांगलिक हेतु देशभर से उनके अनुयायी भक्तगण और श्रद्धालु शिवपुरी पधारे। बड़ी मांगलिक में अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ा जिसमें जैन और अजैन दोनों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर जैन साध्वी रमणीक कुंवर जी से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि बड़ी मांगलिक से चमत्कार आपकी श्रद्धा करती है। ठीक मुहूर्त पर गुरुणी मैया साध्वी रमणीक कुंवर जी ने भक्तगणों के बीच बड़ी मांगलिक का पाठ किया और इसके पश्चात उन्होंने जाप मंत्र और माला का पुरुष वर्ग को वितरण किया।

आयोजन में बड़ी मांगलिक में नवकारसी का लाभ उठाने वाले नन्नूमल जी, जिनेन्द्र कुमार जी, राजकुमार श्रीमाल परिवार तथा मुख्य लाभार्थी इंदरमल जी, तेजमल जी, डॉ. दीपक, अशोक, आशीष, रीतेश और सौरभ सांखला परिवार का जैन श्वेताम्बर स्थानकवासी समाज के अध्यक्ष राजेश कोचेटा, मूर्ति पूजक जैन समाज के वरिष्ठ सदस्य दशरथमल सांखला, सचिव विजय पारख, चातुर्मास कमेटी के सचिव सुमत कोचेटा और पंकज गूगलिया तथा सहसचिव रीतेश गूगलिया एवं उपाध्यक्ष नरेन्द्र कोचेटा ने शॉल और श्रीफल से सम्मान किया तथा उनकी धर्म भावना की सराहना की। धर्मसभा में साध्वी रमणीक कुंवर जी ने अपनी सुशिष्याओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि मेरे पास एक से बढ़कर एक कोहिनूर हैं। साध्वी नूतन प्रभाश्री जी की प्रशंसा के लिए तो मेरे पास पर्याप्त शब्द भी नहीं हैं। उनकी मैं जितनी भी तारीफ करुं वह कम है। प्रत्युत्तर में साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने कहा कि मेरी गुरुणी मैया जैसी गुरुणी मैया दुर्लभ हैं। आज मैं जो कुछ भी हूं वह उनके आशीर्वाद का प्रतिफल है।

गुरुणी मैया साध्वी रमणीक कुंवर जी 35 वर्षों से जहां कहीं भी चातुर्मास करती हैं वहां के लोगों को बड़ी मांगलिक का लाभ देती हैं। उज्जैन के सुरेन्द्र लिगा लगातार गुरुणी मैया की बड़ी मांगलिक का लाभ ले चुके हैं। इसी कड़ी में 20 अक्टूबर को शिवपुरी में तेजमल सांखला परिवार के सौजन्य से बड़ी मांगलिक का आयोजन किया गया। इस आयोजन में भाग लेने के लिए पुणे, बैंगलोर, मालेगांव, नई दिल्ली, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, सवाई माधौपुर, ग्वालियर, गुना, पैची सहित अनेक शहरों के भक्तगण आज शिवपुरी पहुंचे।

सुबह 9:30 बजे ठीक समय पर बड़ी मांगलिक हेतु नवकारसी के पश्चात जुलूस सदर बाजार श्रीनाथ कॉम्प्लेक्स से प्रारंभ हुआ। रास्ते में अनेक स्थानों पर शहरवासियों ने जुलूस का स्वागत किया और गुरुणी मैया के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को अभिव्यक्त किया। जुलूस में भगवान महावीर की जय-जयकार और गुरुणी मैया रमणीक कुंवर जी म.सा. के नारों से आकाश गुंजायमान हो उठा। गांधी चौक, माधवचौक, पुराना बस स्टेण्ड, सिद्धेश्वर रोड होता हुआ जुलूस परिणय वाटिका पहुंचा जहां सांखला परिवार ने गुरुणी मैया साध्वी रमणीक कुंवर जी, साध्वी नूतन प्रभाश्री जी, साध्वी पूनमश्री जी, साध्वी जयश्री जी और साध्वी वंदनाश्री जी को विधि विधान पूर्वक वंदन किया और उन्हें बड़ी मांगलिक का लाभ देने हेतु उनकी करुणा और अनुकम्पा को नमन किया।

परिणय वाटिका में साध्वी जयश्री जी ने मंगल पाठ किया और श्राविका श्रीमती रूचि सांखला ने स्वागत गीत गाकर अपनी भावना को अभिव्यक्त किया। स्वागत भाषण श्वेताम्बर जैन श्रीसंघ के अध्यक्ष राजेश कोचेटा और तेजमल सांखला ने दिया। धर्मसभा में गुरु सौभाग्यमल जी गुरुणी चांद, मनोहर, मोहन और शांतिकुंवर ट्रस्ट के ट्रस्टी कांतिलाल दुग्गड़, इंदौर महालक्ष्मी नगर के वीरेन्द्र कुमार, अतुल झामड़, सुभाष विनायका, मनीष जी और नरेन्द्र जी ने अपने विचार व्यक्त कर गुरुणी मैया के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था को व्यक्त किया। आभार प्रदर्शन की रस्म अशोक कोचेटा ने निर्वहन की जबकि धर्मसभा का सुंदर संचालन साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने किया।

तीन शर्तें पूरी करोगे तब होगा मंत्र कारगर : साध्वी नूतन प्रभाश्री जी

साध्वी नूतन प्रभाश्री जी ने बताया कि जैन शास्त्रों में ऐसी विधियां और ऐसे उपाय हैं जिन्हें सिद्ध कर दुखों को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि साधु और साध्वी नवनीत के समान होते हैं। उनके हृदय में करुणा और अनुकम्पा का झरना बहता है। इसी भावना को दृष्टिगत रखते हुए प्रसिद्ध जैन संत मरुधर केसरी मिश्रीलाल जी महाराज ने शास्त्रों के शोधन से मंत्र ईजाद किया और उस मंत्र को गुरुणी मैया साध्वी रमणीक कुंवर जी ने अपनी साधना से जीवंत किया है।

उन्होंने बताया कि गुरुणी मैया ने 10 दिन की साधना कर यह मंत्र भक्तगणों को वितरित करने के लिए तैयार किया है, लेकिन इसके लिए गुरु तथा मंत्र के प्रति श्रद्धा आवश्यक है तथा तीन शर्तों की पूर्ति होना चाहिए। एक तो प्रतिदिन नमो सिद्धाणं की एक माला प्रतिदिन फेरनी है। प्रतिदिन अपनी कमाई से कुछ ना कुछ बचाकर दान हेतु रकम एकत्रित करनी है तथा तीसरी शर्त यह है कि इस मंत्र के धारक को मांस और मदिरा जैसी बुराई से दूर रहना होगा तथा मंत्र को अपनी गुल्लक अथवा तिजोरी में शुद्ध रूप से रखा जाना चाहिए। साध्वी रमणीक कुंवर जी ने भक्तगणों को पंक्तिबद्ध खड़ा कर उन्हें मंत्र तथा माला वितरित की।

सांखला परिवार ने बाहर से पधारे भक्तगणों को दिए स्मृति चिन्ह

इस अवसर पर बड़ी मांगलिक के लाभार्थी सांखला परिवार ने बाहर से पधारे भक्तगणों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। उनके अलावा पत्रकारों तथा गणमान्य नागरिकों को भी स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। बड़ी मांगलिक में बड़ी संख्या में अजैनों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर गुरू के प्रति श्रद्धा की भावना व्यक्त की।

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