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साधु साध्वी की निंदा करना या निंदा सुनना पाप के समान है – साध्वी स्नेहाश्री जी म. सा.

साधु साध्वी की निंदा करना या निंदा सुनना पाप के समान है – साध्वी स्नेहाश्री जी म. सा.

आकुर्डी स्थानक भवन में आज अपने प्रवचन उदभोदन में साध्वी स्नेहाश्री जी ने बताया अपना सबकुछ त्यागकर साधु साध्वी भगवंत संय्यम पथ को प्रशस्त करने हेतु भगवान महावीर के सिध्दांतो को हर क्षेत्रमे पहॅुंचाने का एवं धर्म जागरण करने का काम पैदल विहार कर सदैव करते है ! ऐसे महान विभुतीयो प्रति निंदा करना , उनका अप प्रचार करना या उनके प्रति निंदा युक्त शब्द सुनना अपराध के समान है! अपने गुरु जिनोने आजीवन त्याग मय जीवन जिना है उनके प्रति अपशब्द निंदा निषेधार्थ है! हर भक्त इन बातोसे अलिप्त रह गुरुभगवंतो प्रति श्रध्दावान बने!

आज के धर्मसभा मे सौ. मंगल जी श्रीकांतजी नहार ने बहुआयामी व्यक्तिमत्व रुपसे संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी का गौरव किया! हर सुख दुःख के साथी, हर समारोह मे अनेक समस्याओं के बावजुद भी उपस्थिती, समाज के हर परिवार से मधुर संबंध और हरएक के दुःख मे साथ देना वाला यह व्यक्तीमत्व और अपने संघ के हर परिवार को साथ ले कार्यरत सुभाषजी ललवाणी समर्पण के धनी है!

उपाध्यक्षा सौ शारदा जी चोरडीया ने भी सुभाषजी के गुण विशेषोका गौरव करते हुये कहा सबको साथ लेकर काम करनेकी कला अनोखी है! श्रीकांतजी नहार परिवारद्वारा सुभाषजी के शाल माला एवं रजतमुद्रा द्वारा नवाज़ा गया! सुभाषजी ने नहार परिवार प्रति क्रुतज्ञता व्यक्त करते हुये नाहार बंधु सम्मेलन मे निमंत्रित कर अपना मनोगत व्यक्त करने का अवसर प्राप्त करा देने के लिए आभार प्रकट कर आज का सन्मान अपने श्री संघ को समर्पित किया!

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