*🌧️विंशत्यधिकम्*
*📚📚📚श्रुतप्रसादम्🌧️*
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2️⃣4️⃣
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दुख से त्रस्त
किसी एक
व्यक्ति को भी
रोग-शोक-संताप वारक
जिनवाणी श्रवण करवाए तो
उसको
यहां रहते हुए भी
*समस्त विश्व में अहिंसा*
*प्रवर्तन का लाभ मिलता है.!*
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क्योंकि
समस्त पापों का,
समस्त अशांति का,
समस्त अराजकता का,
समस्त कर्मबंध, कषायों का,
कारण है तत्त्वबोध का अभाव.!
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जिनवाणी श्रवण से
तत्त्वबोध सुलभ होता है,
तत्त्वबोध से दुख के
कारण ही नष्ट हो जाते हैं.!
*कारण ही नहीं तो कार्य कैसे.?*
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जिनवाणी के
उपदेशक को,श्रोता को,
प्रसारक को, प्रभावक को..
उपदेशक की,
श्रोताओं की सेवा सम्मान
भक्ति वैयावच्च करनेवाले को
अपार निर्जरा का लाभ मिलता है.!
*_📕श्री उपदेश माला ग्रंथ_📕*
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*तत्त्वचिंतन:*
*मार्गस्थ कृपानिधि*
*सूरि जयन्तसेन कृपाप्राप्त*
श्रुत-स्वाध्यायनिष्ठ शिष्यरत्न
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर