संत सुरक्षित रहेगे तो धर्म भी की सुरक्षित रहेगा। बुधवार साहूकार में साध्वी धर्मप्रभा ने कर्नाटक में जैन दिंगबर संत आचार्य काम कुमार नंदी जी महाराज कि जघन्य हत्या पर खेद व्यक्त करतें हुए श्रध्दालूओ से कहा कि धर्म सुरक्षित होने पर ही धरती सुरक्षित रह सकती है बिना धर्म के मानव दानव बन जाएगा। जीवों और मानव जाति को कौई नहीं बचा सकता है, तो वह धर्म वो तभी संभव हो सकता है,जब धरती पर संत होगे। भारत भूमि देवों और ऋषि मुनियों की भूमि रही है जिस धरा पर संतो ने जन्म लिया आज उस भारत भूमि पर कभी संतो का अपरण होता और कभी धार्मिक स्थलो का अपमान किया जाता है। इत्यादि दिनों दिन कही प्रसंग सामने.आ रहें है ऐसी स्थिति मे सम्रदायवाद की भावनाओं अलग रखकर एक जुट होकर एक साथ आवाज उटानी चाहिए । ताकि सरकार के कांनो तक हमारी आवाज पहुंचे । हमारा धर्म और संत देश कि आत्मा है । इनकें न रहतें सब पतन औंर भ्रष्टाचार की गत मे चला जा सकता हैं।
इनकी उपेक्षा करना जीवन मूल्यों का ह्रास समझयें। संत किसी भी वर्ग समाज या समुदाय का हो देश औंर समाज की धरोहर है।संत कि सुरक्षा अति अनिवार्य है यह समाज और सरकार का कृत्यव भी हैं। इसदौरान साध्वी स्नेह प्रभा ने उत्ताराध्ययन सूत्र का वांचन करतें हुए कहा कि लोभ और लालच वो कसाय है। जो आत्मा को भटकातें है, और आत्मा के मूल गुणों का नाश करतें है। कसायो का स्वरूप जहां क्रोध होगा वहा प्रेम नही रह सकता है। अहंकार से भरा हुआ व्यक्ति जिसने झुकना नही सिखा वह व्यक्ति जिंदा होकर भी मुर्दे व्यक्ति के समान है।
क्रोध प्रित को नाश करती है। लेकिन जहां लोभ और लालच होगा वह सब गुणों का नाश करता है। महाभारत में दुर्योधन के लोभ के कारण उसने सम्पूर्ण कोरवं सेना को लड़ाई परास्त होना पड़ा । इंसान संसार से अपने साथ एक सूई की नोक भी साथ मे नही ले जा सकता है। फिर उसका लोभ और लालच खत्म नही होता है।
श्री एस. एस. जैन संघ के महामंत्री सज्जनराज सुराणा ने बताया कि प्रवचन के पश्चात साध्वी धर्मप्रभा साध्वी स्नेहप्रभा के सानिध्य मे देवराज माणिक चन्द मेटरनिटी होस्पिटल के नये भवन के ब्लोक का उद्घाटन रिखबचंद लोढ़ा,अजय दुगड, राजकुमार दुग्गड़, पारसमल सुराणा आदि ने साहूकार पेठ के जितेन्द्र भंडारी, हस्तीमल खटोड मोतीलाल ओस्तवाल, रमेश दरडा, सुभाष चन्द काकलिया, बादल चन्द कोठारी, महावीर कोठारी आदि की उपस्थित मे नये विंग का उद्घाटन किया गया।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री एस. एस जैन संघ साहूकार पेठ चैन्नाई