श्री वर्ध स्था, जैन श्रावक संघ पनवेल कपड़ा बाज़ार में विराजित परम पूज्या गुरुणी भैय्या साध्वी आभा श्री जी म.सा. ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा- श्रावक का अशठता गुण श्रावक को मूर्ख नही होना चाहिए- सांप के दांत में जहर होता है, बिच्छु के डंक में जहर होता है – मक्खी के सिर पर जहर होता है- पर दुष्ट व्यक्ति दुर्जन के रोम-2 मे जहर होता है।
श्रावक को सज्जन बनना चाहिए। सज्जन और दुर्जन में जमीन आसमान का फर्क है- सज्जन को छाछ की उपमा दी गई है दुर्जन को तेजाब की उपमा दी गई है।
सज्जन को अगरबती के समान बताया गया है दुर्जन गिली मिट्टी के समान होता है। भक्त-विभक्त- कमभक्त- तीन प्रकार के भक्त- भगवान से जुड़ा साध्वी डॉ. श्रेयांशी श्रीजी म.सा ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा – हर व्यक्ति सिर्फ अपने साथ के बारे में ही सोचता है।
विनिति व्यक्ति कभी भी क्या कहा, केसे कहा, किसने कहा इस बारे में नही सोचता बल्कि क्यों कहा ये सोचता है। मम लाभोति पेहाए? विनित व्यक्ति के तीन गुण – 1. कलेक्ट द गुड थोट्स 2. क्रियेट द गुड इमेज 3. केपचेर द गुड मोमेंटसा
विभक्त आचा भगवान से आया संसार से कमभक्त थे ना इधर का ना उधर का।