जहां स्वागत होता है अभिनंदन होता है वहां एक दिन विदाई भी होती है स्वागत और विदाई का यह क्रम सदियों पुराना है। गुरुदेव ने महती कृपा कर मदुरई में चातुर्मास फरमाया, मदुरई में 4 महीने निरंतर धर्म की गंगा प्रवाहित हुई, मदुरई वासियों ने बड़े उत्साह से तप त्याग सेवा, दर्शन एवम् हर कार्यक्रम में भाग लिया। भगवान महावीर ने फरमाया -“विहार चर्या इसीणं पसत्था ” साधुओं के लिए विहार चर्या प्रशस्त हैं। पानी के बहते रहने से वो कभी गंदा नहीं होता वैसे ही साधु के चलते रहने से उसका चरित्र बेदाग होता है। यस सुविचार मुनि श्री अर्हत कुमार जी ने मंगल भावना समारोह में व्यक्त किए, उन्होंने आगे कहा विदाई हमको नहीं अपने अवगुणों को देनी है, बुरी आदतों को देनी है। हमारे विहार के बाद भी धर्म की उमंग में रंग भरते रहे, उत्साह का दीया निरंतर जलता रहे, गुरु इंगित की आराधना करते रहे, सम्यक्तव पुष्ट रहे जिस प्रकार राजा परदेसी ने धर्म को अपना कर जीवन के अंतिम क्षणों तक धर्म को निभाया उसी प्रकार आप भी धर्म ध्यान आदि के द्वारा आत्मा का कल्याण करते रहे।
मुनि भरत कुमार जी ने किए व्यक्त विचार, सभा में हुआ अध्यात्म का संचार, चातुर्मास में पाए धर्म ध्यान के संस्कार, संकलप हो सभी उन्नत हो व्यवहार, धर्म देव गुरु व धर्म की कृपा से स्वामी जी के प्रताप से व मुनि श्री अर्हत् कुमार जी के आशीर्वाद से सफलतम चातुर्मास हुआ है। मुनि श्री के श्रम से चातुर्मास मुखर हो रहा है।
बाल संत जयदीप कुमार जी ने कहा- आज चातुर्मास संपन्न हो रहा है। मुनि श्री की प्रबल प्रेरणा से यहाँ तप जप का ठाठ लगा , जो रंग लगा वह रंग हमेशा बना रहे ।
सभा ते.सभा अध्यक्ष जयंतीलालजी जीरावला ने अपने विचार व्यक्त किए तेयुप अध्यक्ष संदीप बोकडिया ने विचार व्यक्त किए महिला मंडल ने चतुर्मास की यादों को रोचक नाटक के द्वारा प्रस्तुत किया महिला मंडल अध्यक्ष नैना पारख, तेममं मंत्री दीपिका फुल फगर, ओजस पारख, हिराली, जितेंद्र सुराना , अमृत चोपड़ा, कोठारी फैमिली, बबीता लोढ़ा, कोमल जीरावला, रेखा दूगड़, सपना गोलछा, जितेंद्र गोलछा, जितेंद्र सुराणा, लक्ष्य जीरावला, मधु पारख, शांतिलाल जी बुरड, निर्मल जी पारख, स्थानकवासी समाज के अध्यक्ष नेमीचंद जी बाफना, ट्रस्ट अध्यक्ष ओमजी कोठारी, आदि ने गीत, वक्तव्य द्वारा अपनी भावना व्यक्त की।अंत मे सभा मंत्री धीरज दूगड़ ने अपने विचार व्यक्त किया एवं कन्या मंडल ने प्रोजेक्टर द्वारा चातुर्मास के कार्यक्रमों की झलकियां प्रस्तुत की। ज्ञानशाला के बच्चों की प्रस्तुति ने जनता को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम 8:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक चला।