श्री हीराबाग जैन स्थानक सेपिंग्स रोड बेंगलुरू में विराजित आयम्बिल आराधिका आगम श्री जी म सा ने बताया कि राखी एक स्नेह की बारहखड़ी है। बच्चों को बचपन से ही मधुरता की, स्नेह की बारहखड़ी सिखाई जाती है। अच्छे संस्कार दिए जाते है। भाई बहन के स्नेह का प्रतीक पवित्र रिश्ता है।
27 साल की छोटी सी उम्र में आज तपस्वी बहन प्रीतिजी सिद्धार्थ सकलेचा के 30 उपवास की पूर्णाहुति हुई। तप से पापों का हनन होता है। आत्मा का अध्ययन तप से होता है। तप ही हमारा उपवन है। ऐसे तपस्वी को हम सब नमन करते है।
साध्वी धैर्याश्री जी म सा ने अपने गीतों के माध्यम से रक्षा बंधन पर बहुत सुंदर प्रस्तुती दी। संचालन मंत्री अशोक बांठिया ने किया, डॉ भीकमचंद सखलेचा, नंदकिशोर समदड़िया, धनराज रायसोनी, जयचंद लुणावत ने तपस्वी बहन का सत्कार कर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। रक्षा बंधन पर चांदी की राखीयों का लक्की ड्रा निकला गया।