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मानचन्द्रजी म.सा का चौथा स्मृति दिवस स्वाध्याय दिवस के रुप में मनाया गया

मानचन्द्रजी म.सा का चौथा स्मृति दिवस स्वाध्याय दिवस के रुप में मनाया गया

उपाध्याय भगवन्त पूज्यश्री मानचन्द्रजी म.सा का चौथा स्मृति दिवस स्वाध्याय दिवस के रुप में मनाया गया | # 17 जनवरी 2024 को चेन्नई में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु के तत्वावधान में उपाध्याय मानचन्द्रजी म.सा का चौथा स्मृति दिवस स्वाध्याय भवन,साहूकारपेट में स्वाध्याय दिवस के रुप में मनाया गया |

 # चेन्नई में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु के तत्वावधान में उपाध्याय मानचन्द्रजी म.सा का चौथा स्मृति दिवस स्वाध्याय भवन,साहूकारपेट में स्वाध्याय दिवस के रुप में मनाया गया | वरिष्ठ स्वाध्यायी वीरेन्द्रजी कांकरिया ने जिनशासन में महापुरूषों के योगदान के अंतर्गत उपाध्याय भगवन्त पूज्यश्री मानचंद्रजी म.सा के गुणगान किये |

 श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने सूर्यनगरी जोधपुर में श्री अचलचन्दजी व छोटादेवीजी सेठिया के यहां जन्म लेने वाले बालक मान के बचपन युवा अवस्था व वैराग्यमय जीवन के संस्मरणों का चित्रण धर्मसभा में रखते हुए कहा कि जैनाचार्य हस्तीमलजी म.सा के मुखारविन्द से जोधपुर के सरदार स्कूल में उन्होंने अपने सहपाठी मगनराज मोहनोत के साथ भागवती दीक्षा अंगीकार की | दीक्षा सरदार स्कूल में हुई बड़ी दीक्षा मुथाजी के मन्दिर, नागोरी गेट,जोधपुर में आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हस्तीमलजी म.सा के मुखारविन्द से हुई |

नवदीक्षित श्री मानमुनिजी म.सा का श्री लक्ष्मीचंदजी म.सा के सानिध्य में ज्ञानार्जन हुआ | आचार्यश्री हस्तीमलजी म.सा ने नवदीक्षित मुनि को उनकी विद्धवता पुरुषार्थ व योग्यता की परख करते हुए पण्डित रत्न की उपाधि से विभूषित किया |

 शान्त-दान्त-गंभीर उपाध्याय प्रवर पण्डित रत्न पूज्यश्री मानचंद्रजी म.सा के ऋजुता, सरलता, सहजता, कषायमन्दता, विद्ववता, मधुरभाषिता, कालोकाल नियमितता, आत्मार्थीता प्रशान्तमनता आदि विशिष्टता आदि गुणों के संस्मरण जो मधुरव्याखानी आशुकवि श्रदेय श्री गौतममुनिजी म.सा के मुखारविन्द से सुने थे, उनका उल्लेख श्रावक संघ के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने किया |

वरिष्ठ स्वाध्यायी व श्रावक संघ तमिलनाडु के कोषाध्यक्ष श्री गौतमचन्दजी मुणोत व श्रावक संघ तमिलनाडु के उपाध्यक्ष श्री अम्बालालजी कर्णावट ने मुनिवर मान महान हैं, जिनशासन की शासन हैं प्राथना से स्तुति की |

 धर्मसभा में श्री लीलमचंदजी बागमार, युवा भाई श्री दीपकजी व श्री योगेशजी श्रीश्रीमाल की उपस्थिति रही | सामूहिक प्रत्याख्यान,संकल्प के पश्चात मांगलिक वीरभ्राता व वीरपुत्र श्री वीरेन्द्रजी कांकरिया ने दी |

 तीर्थंकरों,आचार्य भगवन्तो, भावी आचार्यश्री उपाध्याय भगवन्त, साध्वी प्रमुखा,सन्त-सती मण्डल की जयजयकार के संग स्मृति दिवस कार्यक्रम स्वाध्याय दिवस के रुप में सम्पन्न हुआ |

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