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ज्ञान वाणी

भिक्षु की भव्य शिक्षाएँ, खोले नई दिशाएँ – साध्वी उदितयशा

223वाॅ भिक्षु चरमोत्सव दिवस का आयोजन

साहूकारपेट, चेन्नई : तेरापंथ संस्थापक आचार्य भिक्षु का 223वाॅ चरमोत्सव दिवस तेरापंथ भवन साहूकारपेट में साध्वी उदितयशाजी के सान्निध्य में मनाया गया।

 ध्यान, संकल्प से बन सकते है प्योर, क्योर

 भिक्षु मंगल स्तुति संगान से कार्यक्रम में केन्द्र द्वारा निर्दिष्ट विषय ‘आचार्य भिक्षु की अंतिम शिक्षा’ को व्याख्यायित करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि आचार्य भिक्षु जीवन भर साधना में रत रहे। संगठन विकास के लिए बनाए नीति नियमों को स्वयं पर एप्लाई कर, संघ के लिए मर्यादाओं का निर्माण किया।

 अंतर ध्यान के माध्यम से भिक्षु के अंतिम समय से साक्षात्कार करवा कर, धर्म परिषद को भावित करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि उन्होंने अंतिम शिक्षा में कहा कि ‘हेत परस्पर राखीज्यो, मत ओगुण किण रा ढूंढज्यो’ अर्थात हम धर्मसंघ के साथ परिवार, समाज, संगठन में भी एक दूसरे से परस्पर हिलमिल कर रहे। छोटी-मोटी बातो को गौण करते हुए सामने वाले के अच्छे कार्यो की प्रशंसा करे, उसे प्रोत्साहित करे। हम राग-द्वेष मुक्त रहकर, अपना-पराया छोड़कर, संघ सेवा में योगभूत बने। मर्यादा निष्ठा, आज्ञा, अनुशासन में आगे बढ़े। प्रयोगधर्मा बने। ध्यान, संकल्प से हम जीवन में परिवर्तन ला सकते है, प्योर, क्योर हो सकते है। हम स्तुति के साथ प्रस्तुती सम्पन्न बने।

  कर्म के कर्ज से दूर होना का लक्ष्य बने

 साध्वी संगीतप्रभा ने कहा कि आचार्य भिक्षु की तरह हमारे कोई अवगुण निकालता है, दोष निकालता है, तो यह चिंतन करे कि मैं साधक हूँ और मेरा लक्ष्य कर्म के कर्ज से दूर होना है, अत: सामने वाले को उपकारी, हितैषी माने, अपना कल्याण मित्र समझे।

 आध्यात्मिक संत जन हमें संसार सागर से तरने की राह बताते

 संचालन करते हुए साध्वी भव्ययशा ने कहा कि आज का दिवस शिक्षक दिवस के रूप में भी मनाया जा रहा है। माता-पिता, विद्यालय अध्यापक हमें सामाजिक ज्ञान देते है। वहीं आध्यात्मिक संत जन हमें संसार सागर से तरने की राह बताते है। हमारे गुरुदेव आचार्य महाश्रमणजी हमें स्वकल्याण की दिशा में गतिशील बनाते है।

 साध्वी शिक्षाप्रभा ने सुमधुर गीत के माध्यम से आचार्य भिक्षु की शिक्षाओं को आत्मसात करने का आह्वान किया।

 आज के विशिष्ट दिवस पर सैकड़ो श्रावकों ने उपवास, आयम्बिल, एकासन, पोषध इत्यादी तप, त्याग, प्रत्याख्यान स्वीकार कर आराध्य की अभिनन्दना में अपना अर्घ्य अर्पित किया। आज पुरे दिन भर तेरापंथ भवन में अखण्ड जप अनुष्ठान चला। महिला मंडल ने मंगलाचरण गीत प्रस्तुत किया। सभा मंत्री गजेंद्र खांटेड ने आगामी सूचनाएँ दी। संघ गान के साथ संघीय कार्यक्रम परिसम्पन्न हुआ।

 समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

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