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ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने से कितने ताप का लाभ मिलता है: उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया

ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने से कितने ताप का लाभ मिलता है: उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया

हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान हैl वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं, वह इस प्रकार हैंl

बंधुओं जैसे कि आज का प्रवचन जो था वह था ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने से कितने ताप का लाभ मिलता हैl यह सब गुरु णी मैया ने बताया जैसे की विजय सेठ विजय सेठानी उनके उपलक्ष में भी बताया की किस तरह उन्होंने ब्रह्मचारी व्रत का पालन कियाl आज महावीर जयंती के उपलक्ष में भी उन्होंने अच्छे से समझाया एवं महावीर जयंती के उपलक्ष में एक छोटी सी नाटिका महिला मंडल एवं बहू मंडल में मिलकर खीर एवं सुखी रहे सहन करें कड़वे ना बोले अगर किसी कारणवश कभी झगड़ा भी हो जाए तो वह केवल विचारों के परस्पर टकराव से ही होता हैl फिर वह विकराल रूप लेकर आपके जीवन को प्रभावित नहीं कर सकता हैl ऐसी स्थिति में दो में से अगर एक व्यक्ति अपने मा आगे को नियंत्रित रखता है तो मामला जल्दी शांत हो जाता हैl

आप झगड़ा को करने की कोशिश करें और यदि कोई छोटी सी बात कहे तो सॉरी कह कर चला ले अगर हमारे झुकाने में मामला शांत हो रहा हो तो झुकना बुरी बात नहीं है अगर सामने वाला हो हल्ला कर भी रहा है तो भी आप शांति से जवाब देl छोटी सी बात को झगड़े का रूप कभी ना दे क्योंकि कोई भी झगड़ा चिंगारी के रूप में शुरू होता है और दावानल बंद कर खत्म होता हैl पता नहीं गुस्से में व्यक्ति कैसे-कैसे काम कर बैठता है आदमी गुस्से में आकर अपने बेटे को मार देता हैl

परिवार को तहस-नस कर देता है प्रेमी भी अपनी प्रेमिका पर तेजाब जगह देता है और तो और मिट्टी का तेल डालकर खुद की ही तुली लगा देता हैl गुस्से में आदमी कौन सा अनर्थ नहीं कर बैठता है गुस्से को आप कभी भी आदत न बनने दे अगर हम रोज-रोज गुस्सा करेंगे तो हमारा गुस्सा प्रभावित होता जाएगा धीरे-धीरे हमारे मित्र भी कम होते जाएंगेl अगर कभी-कभी गुस्से में व्यक्ति को अपने सामने देखकर भले ही कुछ बोले या ना बोले पीछे से उसका सब उपवास ही उड़ने क्रोधी से तो वैसे ही लोग कट्टी करनी काट कर रखते हैंl

जिसको बोलने का विवेक नहीं उसे भला कौन लड़ाई बेल के सिंह में कौन जानबूझकर सर मारे छोटी-मोटी बातों को लेकर घर में महाभारत न मचेl सबसे अपनी ओर से प्रेम से और मधुर वाणी से बोले ताकि आपको जिंदगी में औरों से प्रेम मिल सकेl याद रखें जन्नत यानी स्वर्ग उनके लिए है जो अपने गुस्से को काबू में रखते हैं और जन्नत उनके लिए हैंl जो गलती करने वालों को माफ कर दिया करते हैं ईश्वर उन्ही से प्रेम करता हैl जो दयालु और क्षमाशील होते हैं इसीलिए हो सके तो पर प्रदूषण के माध्यम से सभी को क्षमा याचना करें यही जीवन जीने की कला हैl

जय जिनेंद्र, जय महावीर, कांता सिसोदिया, भाईंदर👍👍👍👍

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