ट्रिप्लीकेन/चैन्नई तेरापंथ प्रोफेशनल फार्म चैन्नई द्वारा ability inside opportunity outside विषय पर कार्यशाला का आयोजन मुनिश्री रमेश कुमार जी के सान्निध्य में ट्रिप्लीकेन स्थित तेरापंथ भवन में आयोजन हुआ ।
यह कार्यशाला 11साल से 19 साल के बालक बालिकाओं के लिए विशेष रूप से आयोजित की गई । जिसमें मोटीवेशन स्पीकर लाइन्स कल्ब मिनमपाकम के पूर्व अध्यक्ष दीपक जी छाबड़िया थे।
बच्चों की क्षमता को कैसे उजागर करें इसका प्रशिक्षण देते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा- आज के परिवेश में बालक बालिकाएं अपने अपने कैरियर के लिए बहुत सजग रहते हैं । सफल जीवन के लिए शिक्षा के साथ बच्चों में छिपे हुनर को भी उजागर होने के अवसर देने चाहिए । सबसे महत्वपूर्ण है सही लक्ष्य का निर्धारण हो। अपने ध्येय के लिए दृढ संकल्पित हो। असफलत होने पर हिम्मत न हारे।तभी आप सब सफलता को प्राप्त कर सकते हो।
मुनि सुबोध कुमार जी ने कहा- आप की नजरों में सुपर हीरों कौन है ? उसके जैसा आप बनना चाहते तो वैसा करें । बीच मार्ग में भटकाव आ सकते हैं उन्हें पार आप को ही करना होगा।
आज के मोटीवेशन स्पीकर लाइन्स कल्ब मिनमपाकम के पूर्व अध्यक्ष दीपक जी छाबड़िया ने कहा- बच्चों को शिक्षा के साथ साथ समग्र जीवन विकास की ओर भी ध्यान देना चाहिए । साॅफ्ट स्किल्स के बारे में आपने बच्चों को विस्तार से बताया। पढाई के साथ आगामी जीवन की अभिरुचि को जानना व समझना भी जरूरी है ।
जिससे आप सफलता के शिखरों पर पहुंच सकते हो।आप सब में आत्म विश्वास कम्युनिकेशंस, सकारात्मक दृष्टिकोण व समय प्रबंधन जैसे गुण होने चाहिए ।तभी आप सफल हो सकते हैं ।
इससे पूर्व टी पी एफ की महिलाओं ने मंगलाचरण किया । टीपीएफ के मंत्री कमल बोहरा ने सभी का स्वागत किया । हिमांशु डूंगरवाल ने अतिथियों का परिचय दिया । मुख्य अतिथि दीपक जी छाबड़िया को साहित्य व मूमेन्टो भेंट कर स्वागत किया ।
प्रेक्षा दिवस का आयोजन*स्वयं सत्य खोजे**मुनि रमेश कुमार*आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार ठा.2 के सान्निध्य में प्रेक्षा दिवस ट्रिप्लीकेन भवन में मनाया गया। प्रेक्षा प्रशिक्षिकाओं ने प्रेक्षा गीत द्वारा मंगलाचरण किया ।प्रेक्षा ध्यान से जीवन में कैसे परिवर्तन आता है इस पर एक लघु नाटिका का मंचन प्रेक्षा प्रशिक्षिकाओं ने बहुत की सुन्दर प्रस्तुति दी । जिसमें भारती मुथा, साधना परमार, बुधवंती धारीवाल, जय श्री बैद, अर्चना मालू, उज्ज्वला, गुणवंती दुगड़, और दिनेश धोका ने प्रस्तुति दी। मूल चन्द रांका द्वारा प्रेक्षा ध्यान का प्रयोग कराया गया।मुनि श्री रमेश कुमार ने अपने मंगल उदबोधन में प्रेक्षा ध्यान की महत्ता बताते हुए कहा- प्रेक्षा शान्ति का मार्ग है ।राग- द्वेष और दुख: दौर्मनस्य का मार्ग है । सत्य खोजने का माध्यम है प्रेक्षाध्यान । स्वयं सत्य खोजे । इस ध्येय के साथ प्रेक्षा ध्यान का अभ्यास कराया जाता है । इस ध्यान पद्धति से आत्मिक और आध्यात्मिक विकास होता है। यह सब प्रेक्षा ध्यान का प्रयोग लगातार करने से यह संभव है।संयोजकीय वक्तव्य मेंगौतम चन्द सेठिया ने प्रेक्षाध्यान पर विचार व्यक्त किये, और आभार ज्ञापन किया।संप्रसारकश्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई