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प्राचार्य श्री प्रकाशचंदजी जैन द्वारा सम्यकतप पर विस्तृत उदबोदन   

प्राचार्य श्री प्रकाशचंदजी जैन द्वारा सम्यकतप पर विस्तृत उदबोदन   

पर्युषण पर्व के अंतर्गत कांकरिया गेस्ट हाउस, किलपाक में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्यायी बन्धुवर भगवान महावीर जैन विद्यापीठ के प्राचार्य श्री प्रकाशचंदजी जैन जयपुर ने सम्यकतप विषय पर विस्तृत उदबोदन देते हुए अंतगढ सूत्र में वर्णित आत्माओं में से तपस्वी आत्माओं द्वारा किये गए सम्यकतप का वर्णन किया | द्वारिका नगरी में दैपायन ऋषि के कोप की घटना का वर्णन करते हुए बताया कि आयम्बिल तप के कारण द्वारिका नगरी सुरक्षित रही, इस घटना से सिद्ध होता हैं कि भीतर में कर्मो का नाश करने हेतु ही नहीं बाह्य जगत की सुरक्षा में भी तप का महत्व हैं | भगवती सूत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसा एक भी आकाशप्रदेश नहीं जहां इस जीव ने जन्म-मरण नहीं किया हो, इतने कर्मों का बंध जीव ने कर लिया हैं, धर्ममय जीवन जीना चाहिए |

जो तत्काल पवित्र कर दे,वो तप हैं | आर्त ध्यान,रौद्र ध्यान,धर्म ध्यान व शुक्ल ध्यान की विस्तृत रुप से धर्मसभा में विवेचना की | उतराध्ययन सूत्र के नवें अध्ययन के आधार पर बताया कि बिना जानकारी के अज्ञान दशा में मासखमन का पारणा पुनः मासखमन की लगातार तपस्या करने वाले से भी अधिक महत्व ज्ञानपूर्वक की जाने वाले एक नवकारसी तप करने वाले साधक का होता हैं | तप श्रद्धा से स्वीकृत, विवेक से पुरुस्कृत,विरक्ति से युक्त व अप्रमाद सेवित होना चाहिए | इच्छाओं को रोकना भी तप हैं | उतराध्यन सूत्र में प्रभु महावीर फरमाते हैं कि इच्छाएं आकाश के समान अनन्त हैं |

अनशन, उनोदरी, भिक्षाचरी, रस परित्याग,काय क्लेश और प्रतिसंलीनता छह बाह्य व प्रायश्चित,विनय,वैयावृत्य, स्वाध्याय,ध्यान व व्युत्सर्ग छह आभ्यान्तर तप का विस्तृत विवरण करते हुए कहा कि हम आसानी से दैनिक जीवन में बारह प्रकार के तप कर सकते हैं | युवा स्वाध्यायी रत्न श्री विनोदजी जैन ने अंतगढ़ सूत्र के मूल व अर्थ का वांचन किया किया वीरगुण गौरव गाथा का विवेचन किया | श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्र कांकरिया ने जानकारी दी कि स्वाध्यायी बन्धुवरों के पुरुषार्थ से तत्व चर्चा, प्रतिक्रमण,ज्ञान चर्चा आदि कार्यक्रम दैनिक रुप से चल रहे हैं | उपस्थित श्रद्धालुओं ने तीर्थंकर चालीसा व संयम चालीसा की सामूहिक स्तुति की | इस अवसर पर श्री जैन रत्न श्राविका मण्डल द्वारा धार्मिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया |

प्रेषक :- श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु स्वाध्याय भवन,24/25 – बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट, साहूकारपेट,चेन्नई 600 001.

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