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पर्यावरण के बिना धरती मां का श्रंगार अधूरा है: फतेहराज जैन

पर्यावरण के बिना धरती मां का श्रंगार अधूरा है: फतेहराज जैन

विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष मैं डिपार्टमेंट ऑफ एनवायरमेंट एंड क्लाइमेट चेंज गवेनमेंट ऑफ तमिलनाडु ने एक हफ्ता भर अलग अलग तरीके से पर्यावरण की जानकारी देने का निर्णय लिया। इसमें ऑनलाइन वेबिनार, स्पीच कंपोटिशन, ड्राइंग कंपोटिशन, रंगोली, इनोवेटिव आइडिया कंपोटिशन, वेबिनार ऑन लैंड रेस्टोरेशन, ट्री प्लांटेशन (पौधारोपण) आए दिनों इतनी गर्मी बढ़ रही हैं, इसका समाधान हमारे हाथो मैं ही है।

डिपार्टमेंट के कुछ अधिकारियों ने राजस्थान पत्रिका एवं एक्ष्नोरा इंटरनेशनल द्वारा चल रहे हरित प्रदेश अभियान की सराहना करते हुए कहा कि हमारे इस सेमिनार मैं आपके सहियोग की जरूरत है। उनके कहने पर आज चारी स्ट्रीट कॉर्पोरेशन पार्क मैं व्रक्षा रोपण अभियान एवं पौधे वितरण का आयोजन किया गया। पार्क मैं कई पौधे लगाए एवं पार्क मैं आने वाले लोगो को करीबन 100 पौधे वितरण किए।

इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉक्टर के मुथू कुमार प्रोग्राम ऑफिसर डिपार्टमेंट ऑफ एनवायरमेंट एंड क्लाइमेट चेंज गवेनमेंट ऑफ तमिलनाडु ने पर्यावरण के विशेष गुणों की जानकारी विस्तार से दीl इस मौके पर एक्सनोरा नॉर्थ सचिव फतेहराज जैन ने कहा पर्यावरण के बिना धरती मां का श्रंगार अधूरा है। हम कितने भी विकसित हो गये लेकिन मानसिक शांति आज भी प्रकृति की गोद में ही मिलती है, पर्यावरण का संतुलन रहना हमारे जीवन में अति आवश्यक है पर्यावरण का मिजाज लगातार बिगड़ रहा हैl इसकी भरपाई किसी न किसी आपदा के रूप में हो रही है।

पेड़ ना केवल मानव के आवश्यकत है बल्कि पक्षियों के रहने का मुख्य ठिकाना है, पक्षी हमें बाढ़, तूफान जैसी हर तरह की आपदा की जानकारी अपनी आवाज से देते हैंl वे मानव समाज के सुभचिंतक है, पेड़ पौधों का भी अपना परिवार होता है। इनकी रक्षा करना हमारा दाहित्व है, भोजन एवं पानी के बिना तो हम कुछ दिन रह सकते हैं लेकिन हवा (ऑक्सीजन) के बिना एक पल भी जीना दुर्लभ हो जाता हैl

पर्यावरण का संतुलन बिगड़ने से धरती का औसत तापमान बढ़ने से पानी की किल्लत बारिश समय पर ना आना ऋतुओं का बदलना आदि कई समस्याओं का सामना करना पड़ता हैl इसलिए सभी मिलकर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए एवं चारो तरफ हरियाली हरियाली लाने मैं पूरा सहीयोग करे। इस मौके पर एक्सनौरा के गोविंदराज, तमिलमनी, ससीकुमार, विश्वनाथ, सारथी, वसुंधरा, पशुपति, गणेशन एवं कई पर्यावरण प्रेमीयो ने भाग लिया।

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