चेन्नई. ताम्बरम जैन स्थानक में साध्वी धर्मलता ने कहा कि जीवन एक डायरी है। हर साल डायरी का एक-एक पृष्ठ है और हर कार्य एक-एक अक्षर है। जिस प्रकार डायरी सुंदर, सुरक्षित और अच्छी लगती है उसी प्रकार जीवन की डायरी को सुधारना है या बिगाडऩा है, यह हमें तय करना है।
जीवन में सद्कार्यों की रंगोली और सद्भावनाओं के चित्र बनाएं। ध्यान का दीपक प्रकाशित करें। तप के तोरण बांधकर, परोपकार और प्रेम से महकता जीवन बनाएंगे तो आत्मा का उत्थान हुए बिना नहीं रहेगा और जीवन में कोई काला दाग नहीं लगेगा। साध्वी अपूर्वा ने शांतिनाथ भगवान के जीवन पर प्रकाश डाला।