! जय आत्मानन्द-देवेन्द्र-शिव-महेन्द्र!! !! जय गुरु अंबेश सौभाग्य मदन कोमल!! !! जय गुरुणि प्रेम उगम राज विजय ! __________________________ जयगुरू अम्बेश-जय गुरु इंद्र-जय गुरु मगन-जय गुरु सौभाग्य-जय गुरु मदन के पठ्धर सुशिष् 😷श्रमण संघीय मेवाड़ उपप्रवर्तक मेवाड़ भास्कर गादीपती युवामनीषी परम पूज्य गुरुदेव श्री कोमल मुनि जी मा.सा(करुणाकर) आदि ठाना 😷सेवाभावी श्री रमेशमुनि जी मा.सा 😷नवदीक्षित अध्यनशील श्री हर्षित मुनि जी मा.सा आदि ठाना 3 🛣️🛣️🛣️🛣️🛣️🛣️🛣️🛣️🛣️🛣️ 🌼 *चातुर्मास स्थल* 🌼 📍 *कुंवारिया* 📍 2️⃣0️⃣/0️⃣7️⃣/2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣
आज का प्रवचन (*नैतिकता क्यो जरूरी है*)
*नैतिकता* जब कोई व्यक्ति बिना किसी बाहरी निगरानी के भी सही कार्य करता है तो यही सच्ची नैतिकता होती है। नैतिकता और चरित्र एक-दूसरे के पूरक हैं। नैतिकता जहाँ सही एवं गलत का बोध कराती है, वहीं चरित्र यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति अपने नैतिक मूल्यों पर अडिग रहे। नैतिकता और चरित्र संयुक्त होकर व्यक्तित्व को परिभाषित करते हैं।
– *नैतिकता का व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर प्रभाव* – *व्यक्तिगत स्तर*: नैतिकता व्यक्ति को आत्म-सम्मान और आंतरिक शांति प्रदान करती है। एक ईमानदार और नैतिक व्यक्ति हमेशा संतोष का अनुभव करता है। – *सामाजिक स्तर*: नैतिक आचरण से समाज में विश्वास, सहयोग और सौहार्द बना रहता है। यदि सभी लोग नैतिकता का पालन करें तो समाज में भ्रष्टाचार, अपराध और अन्य नकारात्मक प्रवृत्तियाँ कम होंगी। – *समाज में नैतिकता की भूमिका* नैतिकता किसी भी समाज की नींव होती है। यह एक सामाजिक तंत्र को सुचारु रूप से चलाने में मदद करती है, क्योंकि जब लोग नैतिक मूल्यों का पालन करते हैं तो आपसी विश्वास, सद्भाव और सहयोग बना