*🏳️🌈प्रवचन वैभव🏳️🌈*
🌧️
3️⃣2️⃣
🪔
156)
निर्लेप भाव से रहेंगे
तो कर्म बंधन में नही पड़ेंगे.!
157)
श्रुतसंकल्प से ही
समाधि की प्राप्ति होती हैं.!
158)
कथा
श्रवणसे कान राजी
अनुशरण से आत्मा राजी.!
159)
जागृति अभय हैं,
प्रमाद ही महाभय हैं.!
160)
अपने मूल से जुड़ना ही,
शासनप्राप्ति का उद्देश्य है.!
🌧️
*प्रवचन प्रवाहक:*
*सूरि जयन्तसेन चरणरज*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर