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दीक्षार्थी मुमुक्षु हनुमान मल जी दूगङ का मंगलभावना समारोह

दीक्षार्थी मुमुक्षु हनुमान मल जी दूगङ का मंगलभावना समारोह

तप साधक विजय जी पटवा [27दिन] का तपोभिनंदन समारोह

  युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के प्रबुद्ध सुशिष्य डाॅ मुनिश्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी , मुनि रमेश कुमार जी आदि ठाणा-4 के पावन सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गुवाहाटी के तत्वावधान में आज दीक्षार्थी मुमुक्षु हनुमान मल जी दूगङ का मंगलभावना एवं मासखमण की तपस्या करने वाले तप साधक विजय जी पटवा [ 27 दिन ] की तपस्या पर तपोभिनन्दन समारोह का आयोजन स्थानीय तेरापंथ धर्मस्थल में आयोजित हुआ।

  मुनि श्री डाॅ ज्ञानेन्द्र कुमार जी ने विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा – दीक्षा जीवन की विशेष उपलब्धी है। हजारों लाखों व्यक्तियों कोई दो चार व्यक्ति ही दीक्षित होते है। मुमुक्षु हनुमान मल जी ने तप त्यागमय जीवन जिया है। इरोड ( तमिलनाडु ) में रहते हुए साधु साध्वियों की बहुत सेवा उपासना की है। अच्छा श्रावक का जीवन जीया है। मेरे ईरोड चातुर्मास में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष थे। आगामी संयमी जीवन की शुभकामना। तपस्वी साधक विजय जी पटवा ने इस वर्ष अनेक तपस्वियों के तपोभिनंदन में तप से तप का अभिनन्दन किया है। आज स्वयं मासखमण की तपस्या में उपस्थित है।

  मुनि रमेश कुमार ने दीक्षार्थी मुमुक्षु हनुमान मल जी एवं तपस्वी विजय जी पटवा को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा – राग से विराग की बढना दीक्षा है। असंयम से संयम की ओर प्रस्थान का नाम दीक्षा है। आसक्ति से अनासक्ति की ओर बढना दीक्षा है। उपासक, मुमुक्षु हनुमान मल जी सदा गुरु दृष्टी की आराधना करते हुए आगे बढना। मेरी दक्षिण यात्रा में भी सेवा की है। तपस्वी विजय जी पटवा ने इस बार तप अनुमोदन में तपस्या का संकल्प लेने में,अग्रणी रहे है। आज 27 दिन की तपस्या की है। भविष्य में सदा तपस्या के क्षेत्र में आगे बढते रहना।

  दीक्षार्थी मुमुक्षु हनुमान मल जी ने भी अपने जीवन व दीक्षा की भावना के बारे में विस्तार से बताया।

    इससे पूर्व मुनि ज्ञानेन्द्र कुमार जी ने नमस्कार महामंत्रोंच्चारण से समारोह का शुभारंभ किया। पटवा परिवार की बहनों ने तप गीत का संगान किया। साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभा जी द्वारा प्रदत्त सन्देश का वाचन तेरापंथी सभा के मंत्री राजकुमार जी ने किया। अरिहंत पटवा, महक, भावना पटवा हीरल बालचन्द जी बोथरा ने गीत और भाषण से अपने विचारों की प्रस्तुति दी।

 दीक्षार्थी एवं तपस्वी के प्रति तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बाबूलाल जी सुराणा, पूर्वोत्तर स्तरीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष बजरंग जी सुराणा, तेरापंथ महासभा के उपाध्यक्ष बसन्त जी सुराणा, तेरापंथ युवक परिषद से तरुण जी बैद, तेरापंथ महिला मंडल से सुचित्रा छाजेङ, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम से पंकज जी भूरा, अणुव्रत समिति से नोरतनमल जी गधैया, उपासक अशोक जी सुराणा, संदीप बैद, उपासिकाओं ने सामूहिक गीत भाषण से अपनी भावनाओं को प्रस्तुत किया। मुनि पद्म कुमार जी ने कुशलता पूर्वक संयोजन किया।

  तेरापंथी सभा गुवाहाटी की ओर से मुमुक्षु हनुमान जी दूगङ एवं मासखमण की तपस्या करने वाले विजय जी पटवा का परिचय राजेश जी जम्मड ने दिया। तेरापंथी सभा एवं सभी संघीय संस्थाओं की ओर से प्रशस्तिपत्र और साहित्य भेंट कर सम्मानित किया।

*संप्रसारक*

*श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गुवाहाटी असम*

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