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ज्ञान के महासमुद्र थे आचार्य आनंद – साध्वी सुधा कंवर

ज्ञान के महासमुद्र थे आचार्य आनंद – साध्वी सुधा कंवर

 कोडमबाक्कम वड़पलनी श्री जैन संघ जैन भवन के प्रांगण में साध्वी सुधा कंवर ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य श्री आनंद ऋषि महाराज साहब का जीवन बहुत सरल और अपने जीवन के कल्याण के साथ-साथ अन्य आत्माओं का भी कल्याण करने वाला जीवन था!उनके पिता श्री का देहावसान हुआ तब उनकी उम्र मात्र 13 वर्ष की थी! इसी कारण उन्हें वैराग्य हो गया और उन्होंने संयम स्वीकार कर लिया था! सरस्वती उनके जिह्वा पर विद्यमान थी उनके जीवन में धीरता और गंभीरता थी इसलिए उन्होंने कम उम्र में बहुत ज्यादा ज्ञानार्जन किया!उन्होंने अपने जीवन में पंच सूत्री कार्यक्रम पर बहुत प्रकाश डाला था!1)बाल संस्कार, 2) आडम्बर रहित समारोह,3) समाज संगठन,4) व्यसन मुक्त जीवन और 5) धर्म जागृति!हर क्षेत्र में आचार्य जी ने इस पंच सूत्री कार्यक्रम पर बहुत जोर दिया था बहुत मेहनत की थी उसी की वजह से आज तक भी हम सब उसका पालन कर रहे हैं आचार्य भगवन ज्ञान के महासागर थे!साध्वी सुयशाश्री के मुखारविंद से धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज विश्व में भारत की पहचान भारत के संत और भारत की संस्कृति से है!हम मनपसंद खाना खाते हैं मनपसंद कारों में घूमते हैं और अपने खुद के मकान में रहते हैं फिर भी हम सुखी नहीं रहते!लेकिन हमारे गुरु भगवंत हमेशा विहार में रहते हैं, उनका कोई मकान नहीं होता! कभी कोई स्थानक कभी कोई जैन भवन कहीं पर सुविधा कम है कहीं पर ज्यादा, लेकिन कोई शिकायत नहीं!

जिंदगी में हमेशा दो चीजों का ध्यान देना बहुत जरूरी है हमारी सोच अच्छी होनी चाहिए

1) think always good.

हमारे जीवन में सभी वस्तु एवं ब्रांडेड यूज़ करते हैं तो सोच भी ब्रांडेड रखें हम परिस्थितियां नहीं बदल सकते परंतु उनके प्रति अपनी मनोस्थिति जरूर बदल सकते हैं!

2) हमें इस जीवन में जो कुछ भी मिला है उसके लिए हमें परमात्मा को धन्यवाद देना चाहिए!

हमारे जीवन में पुण्य परमात्मा की वजह से होता है!हमें जो जीवनदान मिला है उसका कारण हमारे परमात्मा और हमारे पुण्य है!हम हमारे जीवन में अपने दुखों से इतने दुखी नहीं है जितना दूसरों के सुख और दुखों से हैं,street light से हमारा रास्ता आसान हो जाता है उसी प्रकार भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार की व्यवस्था हमारे जीवन को आसान बना देती है!मंगलमय महावीर भगवान की मंगलमयी देशना में आज आनंद ऋषि जी की जन्म जयंती बड़ी धूमधाम से प्रति श्रावक श्राविका दो दो सामायिक के लक्ष्य से मनाई गई!आज की धर्म सभा में श्री ऑल इंडिया श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंदमल छलानी अपनी राष्ट्रीय सदस्यों (टीम) के साथ धर्म सभा में उपस्थित रहे और मेवाड़ संघ मुंबई, मेवाड़ महिला मंडल मुंबई, बारडोली, सूरत एवं चेन्नई के उपनगरों से श्रद्धालु गण उपस्थित थे।

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