मंडी डबवाली में चल रहे चातुर्मास के अंतर्गत माहसाध्वी श्री वीरकांता जी के सानिध्य में जन्माष्टमी पर्व मनाया गया।
आज साध्वी डॉ अर्पिता जी ने श्री कृष्ण के जीवन गाथा का वर्णन करते हुए बहुत ही सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया। जेल में जन्म लेकर जंगल में मृत्यु को प्राप्त करने के बाद भी इतिहास में आज अमर है।श्री कृष्ण ने अपनी भुजा के बल से मथुरा में पलकर द्वारिका की स्थापना की। हजारों नारियों को जरासंध और कंस के कैद से मुक्त कियाl उन सभी की रक्षा का दायित्व भी अपने ऊपर लिया। जीवन जीने की कला श्री कृष्ण ने सिखाई। अत्याचार और अन्याय को खत्म किया। गोवर्धन पर्वत को एक नन्हे से बालक ने उंगली पर उठाकर लोगों की रक्षा की।
कालिया नाग के मान का मर्दन करके उसको समझाया । बचपन से ही बड़े-बड़े कारनामे करके उन्होंने अनेक निर्बल लोगों की रक्षा करते हुए इतिहास में नाम अमर किया ।
संघ के प्रधान सुभाष जैन पप्पी ने बताया कि जन्माष्टमी के इस कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से मनाया गया जिसमे नन्हे मुन्ने बच्चे राधा, मीरा,कृष्ण गोपाल सुंदर-सुंदर कम्पीटीशन में डांस में हिस्सा लेकर अपने प्रस्तुति दी ।