“श्री उवसग्गहरं स्तोत्र” जाप एवं जन्माष्टमी महोत्सव का आकुर्डी स्थानक भवन में आयोजन! आकुर्डी-निगडी-प्राधिकरण श्री संघ के प्रांगण मे आज डॉ. राज श्री म.सा. डॉ. मेघा़श्री जी म.सा. साध्वी समिक्षा श्री जी म.सा., जिनाज्ञा श्री जी म.सा. के पावन सानिध्यमें “ श्री उवसग्गहरं स्तोत्र” जाप एवं आध्यात्मिक जन्माष्टमी बच्चोके श्रीकृष्ण भगवान एवं राधा के विविध पेहराव , नाटिका, स्तवन आदि के माध्यमसे मनाई गयी ! 25 बच्चो ने अपने विविध कला गुणों का सादरीकरण कर सभों के मनों को मोहित किया! नुपुरा मुनोत 3 साल की गुडीयॉं साध्वीका रुप धारण कर आयी और अपने मुखान्वये मंगलपाठ सुनाया!
बैरागन सिध्दी जैन साध्वी बनी! जय मुथा नन्हे 6 महिने के बालक नन्हे कन्हैया बने! आज के जन्माष्टमी के कार्यक्रम की प्रस्तावना मंजु जी संचेती ने की और बच्चो के माध्यम से साकार विविध अंगो का आयोजन नियोजन सौ. पल्लवी नहार एवं सौ. सोनल सोनी ने किया! प्रथम पॉंच विजेता के नाम पल्लवी एवं सोनल ने घोषित किये और उन्हें आकर्षित पारितोषिक दिये गये और बचे सभी सहभाग लेनेवाले बच्चों को उत्तेजनार्थ बक्षीस संघ द्वारा एवं कांतीलालजी डॉ. महावीरजी मुथा परिवारके और से दिया गया! धर्मकी बांधी हंडी प्रत्याख्यान और जिवदया में दान देने वाले दो महानुभावों के श्री प्रविण बोरा एवं श्री विजयजी गांधी के करकमलो द्वारा निचे उतारी गयी एवं उसके अंदर डाली गयी प्रत्याख्यान की चिठ्ठियॉं उपस्थित धर्मप्रेमियोंको बॉंटी गयी!
चिठ्ठीमे लिखे प्रत्याख्यान हर एक उपस्थितोने लिए! हंडी में से सुखे मेवेकी प्रभावणा दी गयी! डॉ. राजश्रीजी एवं डॉ. मेघाश्री जी का समयोचित प्रवचन हुआ और साध्वी समिक्षा श्रीजी एवं जिनआज्ञा श्री जी ने भजन सादर किये! प्रकाशजी मुनोत ने स्तवन पेश किया! सभी उपस्थित मान्यवरों का संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने स्वागत कर जन्माष्टमी की बधाई दी! कार्यक्रम के आयोजन नियोजन मे विश्वस्त जवाहरजी मुथा। नेनसुखजी मांडोत, विजयजी गांधी, राजेंन्द्र जी छाजेड, धनराज जी छाजेड, ज्योतिजी खिंवसरा का महत्वपूर्ण सहभाग रहा!