पालघर में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में महाराज साहब के द्वारा प्रवचन गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला एक दृष्टांत द्वारा समझाया की गाय और शेर का उदाहरण देकर किसका मालिक या गुरु होता है। उसकी रक्षा करते हैं चाहे अपन ताकतवर हो जावे तो भी गुरु के बिना कुछ नहीं हे एक गाय जंगल में जाती हैं।
उसके पीछे शेर शिकार के लिए आ जाता है मगर गाय दौड़ कर तालाब में आ जाती हैं। उसके पीछे शेर भी तालाब में आता है उस तालाब में कीचड़ बहुत था उसमें गाय और शेर चिपक जाते हैं।
शेर इतना ताकतवर होकर भी उसे कोई बाहर नहीं निकलता है मगर गाय का मालिक आ कर गाय को बाहर निकाल देता है। गाय शेर को कहती हैं तेरा कोई गुरु या मालिक नहीं है है तो आपको कोई भी नही बचा सकता है इसलिए गुरु का होना जरूरी है।