मानव जीवन दुर्लभ है पाना, इसे यो व्यर्थ ना गमाना! दुध दही मख्खन घी अपना ( सफेद) रंग नही बदलता, वैसे ही संघ समाजने अपना रंग नही बदलना चाहिए! गर्भ से ही संस्कार शुरु होते है ! साध्वी जिनाज्ञा श्री जी!
जीवन मोबाईल जैसा बन गया है, उसे जिवो और जिने दो मे परिवर्तित करो! डॉ. मेघाश्री जी। जीवन हमारा संस्कारोंसे परिपूर्ण होना चाहिएँ! कॉमप्युटर, लॅपटॉप, मोबाईल चलाना आसान है किंतु व्यक्ति घरका संचालन नहीं कर पाता! स्वयंमे समताके भाव, सहनशिलता, समयपरिवर्तन आवश्यक – डॉ. राज श्री जी।
आँज के प्रवचन का विषय था “ संस्कारो का शंखनाद”! विविध द्रष्टांत देकर गुरुणीसा ने जिनवाणी सुनायी ! कॉंच के बर्तन को जिस प्रकार हम जतन करते उसी प्रकार रिश्ते निभाने चाहिएँ! आज गणेशजी के शुभआगमन पर विघ्नहर्ता से सुख और शांति की कामना कर विश्वस्त मंडल पहुँचा गणेशभक्त राजेश जी साखला जी के माताजी श्रीमती प्रमिलाबाई साखला जी के सन्मान के लिए RNS हाऊंस पर!
राजेशजी ने महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव मे आकुर्डी स्थानक भवनमे भ. महावीर स्वामी के झुले को हिलाने का सन्मान प्राप्त किया था, उस सुअवसर को ध्यान में रखते माताजी प्रमिलाजी को स्म्रुतिचिन्ह एवं माल्यार्पण कर सन्मानीत किया गया! पुत्र प्रसिध्द उद्योजक रविंन्द्र जी साखला को भी नवाज़ा गया! संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी के करकमलोद्वारा किये गये सन्मान में जवाहरजी मुथा, विजयजी गांधी, नेनसुख जी मांडोत ने अपनी उपस्थिती दर्जायी! स्थानक भवनमे पधारे धर्मप्रेमियों का सुभाषजी ललवाणी ने स्वागत किया! पारसजी जैन एवं मिलन नहार ने स्तवन पेश किये!