तेयुप द्वारा जिंदगी सवारें अनुष्ठान से आयोजित
Sagevaani.com @चेन्नई ; युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वी लावण्यश्रीजी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में “दांपत्य जीवन को संवारे अनुष्ठान से” कार्यक्रम का शानदार रोचक आयोजन हुआ।
साध्वी लावण्यश्री ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि शब्द में बहुत बड़ी ताकत होती है। जैन धर्म में अनेकानेक मंत्र है। महामंत्र की कोटि में नमस्कार महामंत्र का श्रद्धा से जप किया जाता है। ग्रह, नक्षत्र, जीवन शैली सब अनुकूल हो जाते हैं। मंत्र की शक्ति अचिंत्य होती है। अनुष्ठान हमें सशक्त बनाते हैं, वह हमें कठिन समस्याओं से निपटने में मदद करते हैं और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होते हैं। आपने आध्यात्मिक अनुष्ठान के माध्यम से जयाचार्य के समय की अनेक घटनाओं का उल्लेख करते हुए मंत्र की उपयोगिता पर आपने मंगल उद्बोधन प्रदान कराया।
उवसॻगहरं स्तोत्रं, पैंसठियायंत्र, विघ्न हरण ढ़ाल, मुनिंद मोरा, भिक्षु म्हारे प्रगटया जी आदि ऐसे आध्यात्मिक संगान है, जो हमें त्राण देते हैं, शरण देते हैं। हमारे पास इतनी शक्तियां हैं, हम उसका उपयोग कर समस्या का समाधान कर सकते हैं।
आपने आगे कहा- आचार्य मानतुंग ने भक्तामर स्त्रोत की रचना की, 48 तालों को तोड़ा, एक-एक श्लोक की रचना होती गई, एक एक ताला टूटता गया। यह है शब्द का, मंत्र का प्रभाव। साध्वीश्री सिद्धांतश्री, साध्वीश्री दर्शितप्रभा ने प्रभावशाली तरीके से अनुष्ठान करवाया। नवकार मंत्र, रक्षा कवच, स्वास्थ्यवर्धक मंत्र, सुख, शांति, समृद्धि प्रदायिक मंत्र आदि का विधिवत अनुष्ठान हुआ। तेयूप चेन्नई के तत्वावधान में आयोजित इस अनुष्ठान में अध्यक्ष दिलीप गेलड़ा, मंत्री कोमल डागा, संयोजक आनंद बोथरा एवं उनकी पूरी टीम का श्रम सराहनीय रहा। सैकड़ों दम्पतियों के साथ सैकड़ो की संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने अनुष्ठान में सहभागी बने।