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आत्म तत्व की अनुभूति करने वाला है हिंदू:  डॉ. वैभवरत्नविजयजी म.सा.

आत्म तत्व की अनुभूति करने वाला है हिंदू:  डॉ. वैभवरत्नविजयजी म.सा.

     स्थल: श्री राजेन्द्र भवन चेन्नई

 🪷 *विश्व वंदनीय प्रभु श्रीमद् विजय राजेंद्र सुरीश्वरजी महाराज साहब के प्रशिष्यरत्न राष्ट्रसंत, युग प्रभावक,श्रीमद् विजय जयंतसेनसुरीश्वरजी म.सा.के कृपापात्र सुशिष्यरत्न श्रुतप्रभावक मुनिप्रवर श्री डॉ. वैभवरत्नविजयजी म.सा.* के प्रवचन के अंश

   🪔 *विषय : भव्य निर्माण भारत का*🪔

~ जो आत्म सम्मान से जीये जिसके आचार, विचार आत्म लक्षि हो और जो आत्म तत्व की अनुभूति करें वह है हिंदू।

~ हिंदुस्तान की मूलभूत परंपरा, संस्कृति में हिंसा, झूठ, चोरी, अनाचार, परिग्रह से मुक्ति थी।

~ शिवाजी, महाराणा प्रताप, कुमार पाल महाराजा, आमराजा, गांधीजी, विनोबा भावे, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद सभी के सिर पर सद्गुरु से यानी गुरु शिष्य परंपरा अखंड थी।

~ हिंदुस्तान का प्राण, संस्कृति यदि कुछ है तो वह है आत्मा और करुणा।जो एक भव से दूसरे भव की यात्रा से आत्मा को माने वह है हिंदू। *हिण्डयते भवात् इति हिंदू:*।

~ आजादी को पाने के लिए 7 लाख 20 हजार जैसे क्रांतिवीर शहीद हुए थे।

~ 100 शिक्षिका से भी ज्यादा महान और ज्यादा सीखाने वाली एक माँ ही है।।

~ झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को आजादी के लिए सैनिकों को शस्त्र, भोजन के लिए 3 साल तक पैसे देने वाले क्रांतिवीर हुक्मीचंद जी जैन धर्म का पालन करने वाले थे।

~ हिंदुस्तान में जैन समाज के हर बच्चे-बच्चे में टैलेंट और उनमें क्रांति, शौर्यता, वीरता, सत्वशीलता, ज्ञान, भक्ति (भरपूर) प्रचुरता से है।

~ हिंदुस्तान के सभी किचन औषधि से भरपूर है क्योंकि मसाला वह अरेबिक शब्द से आया है लेकिन हिंदू परंपरा में सभी मिर्च, नमक को औषधि कहते हैं।

~ आजादी के लिए स्वयं के रक्त से आजादी के लिए पत्र लिखते हैं और अंग्रेजों को पता चलने के बाद उन्हें 22 साल की उम्र में फांसी दी है वह है जैन धर्म के क्रांतिवीर मोतीचंद जी।

~ नए भारत का विकास प्रारंभ हो गया है भारत पहले सोने की चिड़िया थी लेकिन अब नरेंद्र भाई मोदी की प्रभावक्ता से सोने का मोर होगा ही।

~ जैन समाज में माता-पिता को बच्चों का हित चाहिए तो गुरुकुलम् बनाकर स्वयं के धर्म आधारित ही शिक्षा देनी चाहिए।

~ पूरे भारत में स्वामीनारायण संप्रदाय के 11000 गुरुकुलम् है।

~ माता-पिता को स्वयं के बच्चों को दुनिया का knowledge देकर बेस्ट से बेस्ट फाइटर और निर्भय बनाना ही पड़ेगा।

~ यदि जैन समाज को सुरक्षित, शांति, सुख से रहना है तो सभी परिवार में हर व्यक्ति government की IAS, IPS,COLLECTOR, ऑफिसर ,मंत्री वैज्ञानिक होना ही चाहिए। post ( क्योंकि पद है, power है, तो ही हित के कार्य होंगे)

~ जहां समाज का हित हो रहा है वह कार्य कोई करें या ना करें स्वयं को ही आगे रहकर श्रेष्ठ रूप से करना ही है।

~ छोटे बच्चों का सबसे ज्यादा नुकसान केवल mobile games से ही होता है।

संस्कृति की रक्षा करनी है तो सर्वप्रथम धर्म रक्षा करनी ही पड़ेगी क्योंकि धर्म की रक्षा में संस्कृति रक्षा स्वयमेव ही हो जाएगी।

विश्व में 90% नॉनवेज है। अब जिसे out of घूमना ही पसंद है वह धर्म क्या करेगा।

~ नालंदा-तक्षशिला के लाखों पुस्तकों को जलाकर अंग्रेजों ने अपने सैनिकों को भोजन करवाया था।

   *”जय जिनेंद्र-जय गुरुदेव”*

🏫 *श्री राजेन्द्रसुरीश्वरजी जैन ट्रस्ट, चेन्नई*🇳🇪

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