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आचार्य भगवंतश्री विजयराजजी महाराज साहब का जन्मोत्सव जप, तप, त्याग से मनाया गया

आचार्य भगवंतश्री विजयराजजी महाराज साहब का जन्मोत्सव जप, तप, त्याग से मनाया गया

संघ अनुशास्ता आचार्य भगवंत पुज्य श्री विजयराजजी महाराज साहब का 65 वां जन्मदिवस दिनांक 18-10-2023 को श्री SS जैन संघ, नोर्थ टाउन के तत्वावधान में श्री साधुमार्गी शांत क्रांति जैन‌ श्रावक संघ‌, चेन्नई द्वारा श्रद्धेय महाराज साहब श्री जयतिलक मुनि जी के सानिध्य में ए यम के यम स्थानक नार्थ टाउन में जन्मोत्सव का कार्यक्रम जप, तप, त्याग से मनाया गया।

गुरुदेव जयतिलक मुनिजी ने प्रवचन में फरमाया कि आज का दिवस आचार्य विजयराज जी का 66 वीं जन्म जयन्ती का दिवस है आचार्य विजयराज जी में चुम्बकीय आकर्षण था वे शरीर से सम्पन्न आचार्य पद पर सुशोभित थे। शोभा तब होती है जब व्यक्ति पद के योग्य होता है। यदि व्यक्ति एक बार ह्रदय में बैठ गया तो उसे बाहर नहीं निकाला जा सकता। आचार्य विजयराज का भक्तों के हृदय में वास उनके गुणों के कारण है। ये पद पाना एक पुण्यवाणी है। उनका नाम भी भक्त हृदय से लेता है। उनके आगे सभी नतमस्तक हो जाते थे। उनका गुणगाण करने के लिए भी योग्यता की आवश्यकता है। गुणों को देखने वाला ही गुणों का वर्णन कर सकता है उनका रूप फिल्मस्टार के समान था उनकी वाणी गायक के समान थी फिर भी स्वभाव एकदम सहज और सरल था। कोई भी जाति हो कोई भी देश हो वे सभी व्यक्तियों को सम्बोधित कर आर्शीवाद देते थे। विजयराजजी महारासा के दर्शन मुझे महाराष्ट्र में हुआ था। मैने उनको वन्दन नमन किया दर्शन किये। आचार्य जी ने मुझे कहा कि आप पंडरकोडा में धर्म का ध्वज फहराके आये हो। बच्चा -2 भी आपका नाम लेता है। ऐसा आर्शीवाद मुझे मिला। ऐसे एक बारे मैने उनके दर्शन किये। उनके वो शब्द मुझे सुनने को मिले। उन्होंने मुझे बहुत बहुत साधुवाद दिया। दूसरों के गुणों के वर्णन करने वाले आचार्य बहुत कम मिलते है। आचार्य के गुण उनमें झलकते थे ।

तपस्या करना है तो तपस्वी कांता बेताला जी से सीखनी चाहिए ये प्रमाद में तप नहीं करते ये तपस्या में भी प्रवचन, क्लास, परीक्षा सभी में आते है। इतनी बड़ी तपस्या करते हुए भी इनके चेहरे पर कभी शिकन नही देखी । इन्होनें बड़ी शान्ति से इतनी बड़ी तपस्या श्रेणी तप को पूर्ण किया ये वास्तव में बेताला परिवार की तप लक्ष्मी है। इनकी पुत्री ने भी शारिरीक वेदना होने पर भी अट्ठाई किया इनकी दोयती ने भी नानी और मां के तप को देख रात्रि भोजन त्याग का पचकखाण किया चौमासे में। इस प्रकार इनके घर में संस्कार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आगे बढ़ रहे है। इनके तप को मै भी साधुवाद देता हूँ ये कामना करता है कि ये ससुराल पीहर व संघ का नाम रोशन करे। आर्शीवाद देता हूँ कि ये धर्म ध्यान से सदैव जुड़ी रहे।

व्याख्यान के पश्चात गुरु विजय चालिसा, एकासना एवं नवकार महामंत्र जाप 1 बजे से 3 रखा गया। कार्यक्रम में शांत क्रान्ति संघ के मंत्री राजेश जी कोठारी का सम्मान किया गया।

अनेक वक्ताओं ने आचार्य प्रवर के बारे में वर्णन किया। अध्यक्ष अशोक कोठारी ने संचालन करते हुए आचार्य विजयराज जी मरासाहब का गुणगान किया। इस अवसर पर नार्थ टाउन संघ के मंत्री ललित बेताला की धर्मपत्नी श्रीमती कांता बेताला ने श्रेणी तप के पच्चखान लिए। उनका बहुमान महिला मण्डल अध्यक्षा ललिता सबदडा, सचिव ममता कोठारी व उनकी टीम ने किया। पुर्वाध्यक्ष बबीता बैद ने तपस्या गीत प्रस्तुत किया।

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