*🏳️🌈प्रवचन वैभव🏳️🌈*
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2️⃣7️⃣
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131)
अध्यात्म से
जुड़ना ही
क्रिया का उद्देश्य हैं.!
132)
मुझे जो चाहिए
वो बाहर कही नही हैं.!
133)
साधना के तीन चरण:
१) राग भाव कम करना..
२) पाप के प्रति उदाशीनता..
३) दर्शन मोह के नाश का पुरुषार्थ
134)
स्मृति के,
मान्यता के
पापों का नाश
ज्ञान पुरुषार्थ से ही
संभव हो सकता हैं.!
135)
जिसमें आनंद न हो
वह साधना नही मजदूरी हैं.!
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*प्रवचन प्रवाहक:*
सूरि जयन्तसेन चरण रज
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर