*🌧️विंशत्यधिकं शतम्*
*📚📚📚श्रुतप्रसादम्🌧️*
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पेट के
६ भाग करें..
👉3 भाग आहार लें
👉🏿2 भाग पानी के लिए
👉🏻1 भाग वायु संचार के लिए..
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इस शास्त्रोक्त
विधान का
उल्लंघन करके
अति आहार लेना
शारीरिक मानसिक
स्वास्थ्य हेतु घातक है.!
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इस मर्यादा से
अतिरिक्त आहार लेने से
वायुसंचार हेतु जरूरी मार्ग
अवरूद्ध हो जाता है
जिसके कारण
वायु प्रकोप से हार्ट एटेक
आदि अनेक घातक रोग होते है.!
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देह स्वस्थ
नही होगा तो
साधना भी असंभव है
अतः अविरत साधना हेतु
देह स्वस्थ होना जरूरी है और
स्वस्थ देह हेतु मर्यादित
आहार जरूरी है.!
*📗श्री यति दिन कृत्य📘*
🌷
*तत्त्वचिंतन:*
*मार्गस्थ कृपानिधि*
*सूरि जयन्तसेन चरण रज*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर