चेन्नई. एमकेबी नगर जैन स्थानक में विराजित साध्वी धर्मप्रभा ने कहा महापुरुष

भोग में जीना है केवली उम्र ढोना

चेन्नई. एमकेबी नगर जैन स्थानक में विराजित साध्वी धर्मप्रभा ने कहा महापुरुष एवं संत सदैव हितकारी और सभी को प्रिय लगने वाली वाणी बोलते हैं। उनके हर शब्द में गहरा ज्ञान व प्रत्येक प्राणी के लिए सुख-शांति देने वाला अमृत छिपा रहता है। वे नपे-तुले शब्दों में अपनी बात कहते हैं उनकी वाणी अत्यंत प्रभावशाली एवं हृदयस्पर्शी होती है। जैन संत कभी भी सावद्य भाषा का प्रयोग नहीं करते। वे सदैव निर्वेद्य व मृदु भाषा बोलते है। उनके मुख से दूसरों को उद्विग्न करने वाली एवं पापाकारी व पीड़ाकारी भाषा कभी नहीं निकलती। उनका जीवन सहज, सरल व सबके प्रति अपनत्व भरा होता है। उनकी रग-रग में वसुधैव कुटुम्बकम की आदर्श भावना समाई हुई होती है। संत वही होता है जो सबको साता पहुंचाने का कार्य करता है। साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा जीवन एक प्रवाह है जो जन्म से आरंभ होकर मृत्य पर खत्म होता है। ढंग से जीना ही जीवन है, भोग में जीना केव...

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