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स्वाध्याय भवन साहूकारपेट में पौष कृष्ण दशमी को प्रभु पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक मनाया

साहूकारपेट के बेसिन वाटर स्ट्रीट में स्थित स्वाध्याय भवन में पौष कृष्ण दशमी 14 दिसम्बर 2025 रविवार को आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हीराचन्द्रजी म.सा भावी आचार्य पूज्यश्री महेन्द्रमुनिजी म.सा के आज्ञानुवर्तिनी व्याख्यात्री महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा. की सुशिष्या साध्वी श्री अंजनाजी म.सा श्री सुभद्राजी म.सा श्री सिन्धुप्रभाजी म.सा श्री तितिक्षाजी म.सा ठाणा 4 के सानिध्य में प्रभु पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक जप तप त्याग पूर्वक मनाया गया |  महासतीजी श्री अंजनाजी म.सा व श्री तितिक्षाजी म.सा ने प्रभु पार्श्वनाथ की स्तुति की | श्री तितिक्षाजी म.सा ने प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव से चोवीसवें तीर्थंकर महावीरस्वामीजी के विभिन्न मनुष्य,तिर्यंच,नरक व देवगति के भवों पर विस्तृत विश्लेषण करते हुए प्रभु पार्श्वनाथ के प्रमुख दस भवों का विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए फरमाया कि प्रभु पार्श्वनाथ के जीव ने मुख्य दस भवों मे...

महासती श्री कुमुदलता जी महाराज आदि ठाणा 4 का 2026 का वर्षावास इंदौर महावीर भवन संघ में घोषित

*🙏हर्ष हर्ष जय जय🙏*  *2026 इंदौर वर्षावास की घोषणा हुई* अनुष्ठान आराधिका महासती श्री कुमुदलता जी महाराज आदि ठाणा 4 का 2026 का वर्षावास इंदौर महावीर भवन संघ में घोषित पौष दशम प्रभु पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक के पावन दिवस पर *मालपुरा दादाबाड़ी* की पुण्य धरा पर परम पूज्य गुरुदेव जैन दिवाकर *श्री चौथमल जी महाराज* की परंपरा का दिव्य निर्वहन करने वाली मालव सिंहनी महासती *श्री कमलावती जी महाराज* की सुशिष्या अनुष्ठान आराधिका *डॉ कुमुदलता जी महाराज* आदि ठाणा 4 के श्री चरणों में *इंदौर महावीर भवन* का श्रावक संघ श्री डीपीन नेमनाथ जी जैन,श्री रमेश भंडारी,,श्री प्रकाश भटेवरा,श्री जिनेश्वर जैन,श्री राजकुमार जैन, श्री अशोक मंडलीक,श्री सुभाष विनायक्या,श्री समरथ मल जैन,श्री नरेंद्र मेहता,श्री हुलास बेताला श्री संकेत जैन,श्री राजेश सुराना,श्री राकेश कोठारी एवं श्रीमती रेणु जैन आदि आगामी *संकल्पमय वर्षावास 2026...

“हर अनिष्ट को दूर करने वाला है- भगवान श्री अरिष्ट नेमी जी का जाप”: भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि जी

जप–ध्यान–साधना से पवित्र बनी धर्मयात्रा भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि जी महाराज यह प्रवचन भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि महाराज जी ने करते हुए बताया कि राष्ट्र संत श्रमण संघीय उपप्रवर्तक पूज्यश्री पंकज मुनि जी महाराज की धर्मयात्रा बेंगलुरु से पुणे की ओर गतिमान है। पूज्य गुरुदेव चित्रदुर्गा, शिमोगा, हुंमचा पद्मावती जैन तीर्थ होते हुए वडनवेल पधारे। यहां स्वामी जी ने पूज्य गुरुभगवंतों का विशेष सत्कार किया और वंदन-अभिनंदन अर्पित किया। पूज्य गुरुभगवंतों ने श्री पार्श्व पद्मावती तीर्थस्थल में विशेष ध्यान-जप-साधना की। इसके उपरांत विहार करते हुए पूज्य गुरुदेव श्री स्वादी दिगंबर जैन तीर्थ, सोंधा में पधारे, जहां श्री अकलंक स्वामी जी ने उनकी मंगल अगवानी की। जैन गुरुकुल के बच्चों ने जैन ध्वज एवं मंगल कलश द्वारा पूज्य गुरुदेवों का अभिनंदन किया। नवकार महामंत्र एवं अन्य स्तोत्रों से स्वस्तिवाचन किया गया। तीर्थस्थल के...

महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा आदि ठाणा के प्रवचन स्वाध्याय भवन साहूकारपेट में गतिमान

जिनशासन गौरव, परमाराध्य आचार्य भगवन्त 1008 पूज्यश्री हीराचन्द्रजी म.सा महान अध्यवसायी सरस व्याख्यानी भावी आचार्य पूज्यश्री महेंद्रमुनिजी म.सा की आज्ञानुवर्तिनी व्याख्यात्री महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा की सुशिष्या श्री वर्षाजी म.सा ने सोमवार 8 दिसम्बर 2025 को बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट,साहूकारपेट में स्थित स्वाध्याय भवन में प्रवचन सभा में फरमाया कि आचार शुद्धि के लिए विचार शुद्धि आवश्यक हैं और विचार शुद्धि हेतु चार सूत्र प्रथम नाम की चाहना नहीं करना,द्वितीय सूत्र सहना पर कहना नहीं,तृतीय सूत्र कार्य करके गिनाना नही और चतुर्थ सूत्र त्याग करके अहंकार नहीं करना | उपरोक्त सूत्रों पर विस्तृत प्रकाश करते हुए कहा कि दान देकर नाम व यश की कामना नहीं करें | वचनों को सहना और सहना आ गया तो समझो कि रहना आ गया | कोई भी कार्य हो सेवा सहयोग का उसको करते हुए गिनाना नहीं,अहसान भी जताना नहीं चाहिए | तप करके...

महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा का स्वाध्याय भवन साहूकारपेट में मंगल पदार्पण व प्रवचन धर्म आराधना

आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हीराचन्द्र जी म.सा भावी आचार्य पूज्यश्री महेन्द्रमुनिजी म.सा की आज्ञानुवर्तिनी व्याख्यात्री महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा आदि ठाणा 4 से शुक्रवार 5 दिसम्बर 2025 को स्वाध्याय भवन साहूकारपेट पधारें | शनिवार 6 दिसम्बर 2025 को महासतीजी श्री वर्षाजी म.सा ने प्रवचन सभा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए फरमाया कि प्रभु महावीर ने हमें कैसे जीवन जीए सिखाया हैं | जीने की कला के चार सूत्रों पर विस्तृत विश्लेषण करते हुए फरमाया कि अनासक्त भाव,ज्ञाता दृष्टा भाव,भेद विज्ञान,तटस्थ भावों में रहकर जीना चाहिए | उतराध्ययन सूत्र के पच्चीसवें अध्ययन की गाथा को फरमाते हुए विशेष रुप से अर्थ व सार बताया कि अनासक्त भाव से जीने वाला व्यक्ति भोग भोगते हुए भी भोगी नहीं कहलाता,पाप का सेवन करते हुए भी पापी नहीं कहलाता, कर्म बंध नहीं करता | बारह चक्रवती में से दस चक्रवती सम्पदा वैभव के होते हुए...

मासिक सामूहिक सामायिक का आयोजन

श्री जैन रत्न युवक परिषद् तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्याय भवन साहूकारपेट में मासिक सामूहिक सामायिक का आयोजन चेन्नई के साहूकारपेट में बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट में स्थित स्वाध्याय भवन में 7 दिसम्बर रविवार को श्री जैन रत्न युवक परिषद् तमिलनाडु के तत्वावधान में मासिक सामूहिक सामायिक का आयोजन आचार्य भगवन्त पूज्यश्री हीराचन्द्रजी म.सा, भावी आचार्य पूज्यश्री महेन्द्रमुनिजी म.सा के आज्ञानुवर्तिनी व्याख्यात्री महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा आदि ठाणा 4 के सानिध्य में रखा गया | महासतीजी श्री वर्षाजी म.सा ने सामूहिक सामायिक के अंतर्गत प्रवचन सभा में उपस्थित श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हुए फरमाया कि संसार में व्यक्ति पुदगल रुपी टुकड़ों के पीछे की दौड़ में अंधाधुन्ध मशगूल होकर शांति को खो रहा हैं और हमेशा अशांत रहता हैं | व्यक्ति को चिन्तन करना चाहिए कि हमारे कारण,हमारे व्यवहार व वचनों के कारण...

हर चिंता का हरण करने वाले चिंतामणि प्रभु पारसनाथ”: भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि जी

भारत गौरव डॉ. श्री वरुण मुनि जी महाराज ने अपने मंगलमय उद्बोधन में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हर चिंता को हरने वाला, हर मनोकामना को पूर्ण करने वाला नाम है—भगवान चिंतामणि पार्श्वनाथ जी का नाम । जैन परंपरा के 24 तीर्थंकरों में 23वें तीर्थंकर प्रभु पार्श्वनाथ का अपना एक विशिष्ट और अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। समस्त विश्व में जैन इतिहास के अनुसार सर्वाधिक मंदिर, सर्वाधिक प्रतिमाएँ, सर्वाधिक स्तोत्र एवं सर्वाधिक मंत्र-रचनाएँ यदि किसी तीर्थंकर के लिए हुई हैं, तो वे हैं—चिंतामणि प्रभु पार्श्वनाथ। पूज्य गुरुदेव विहार यात्रा करते हुए विश्वविख्यात हुंमचा पद्मावती तीर्थ में पधारे, जो श्रद्धा, भक्ति और आस्था का अद्वितीय केंद्र है। इस अवसर पर भट्टारक श्री देवेंद्र कीर्ति जी महाराज द्वारा राष्ट्रीय संत उपप्रवर्तक श्री पंकज मुनि जी महाराज, भारत गौरव श्री वरुण मुनि जी महाराज एवं मुनिरत्न श्री ...

मनुष्य जन्म सर्वश्रेष्ठ जीवन है, साधक बन साधना हमारा लक्ष्य हो – वरिष्ठ मुनीराज पु. पियुषचंद्र विजय जी महाराज

मनुष्य जन्म सर्वश्रेष्ठ जीवन है, साधक बन साधना हमारा लक्ष्य हो – वरिष्ठ मुनीराज पु. पियुषचंद्र विजय जी महाराज का उद् बोधन! मोहनखेडा महातीर्थ विकास प्रेरक गुरुदेव आचार्य प्रवर श्रीमद्विजय ऋषभचंद्र सुरीश्वरजी महाराज के प्रथमशिष्य रत्न पु. सप्तम वर्षितप आराधक तपस्वी वरिष्ठ मुनीराज पु. पियुषचंद्र विजयजी म. सा. आज आकुर्डी निगडी प्राधिकरण श्री संघ के प्रांगण मे आज पधारकर भक्तोको दर्शन प्रवचन एवं मांगलीक का लाभ दिया! अपने उद्बोधन मे मनुष्य जन्म कितना मौल्यवान है ! हम अपने जीवन को सार्थक बनाने हेतु साधक बन साधना करनी चाहिये! हमारा घर किराये का है हमे इसे एक दिन हर हालत छोडना ही पडेगा, म्र्रत्यु अटल है ! उसका हमें स्विकार करना ही होगा! इसलिए हमारा जीवन व्यर्थ ना हो ! अच्छे कर्म कर हमे यादगार बनना है! श्री संघ के और से पुर्वाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने गुरुदेव का स्वागत कर उनके प्रति क्रुतज्ञता व...

मंत्र, मणि और औषधि से असंभव भी संभव : भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि जी महाराज

भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आध्यात्मिक जगत में मंत्र, मणि और औषधि का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। जो कार्य तन, मन और धन की शक्तियाँ नहीं कर पातीं, वह कार्य मंत्र, मणि और औषधि के प्रभाव से संभव हो जाता है। यह उद्बोधन उन्होंने राष्ट्र संत परम पूज्य श्री पंकज मुनि जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित अईनूर धर्म सभा में व्यक्त किये। पूज्य गुरु भगवंतों की धर्म यात्रा बेंगलुरु से पुणे की ओर गतिमान है। पूज्य गुरुदेव सुशीलधाम से चिकपेट होते हुए नाइस रोड़ स्थित श्री संदीप जी अग्रवाल के निवास स्थान पर पधारे, जहाँ समस्त परिवार ने उनका भव्य स्वागत कर शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया। तत्पश्चात गुरुदेव ओमकार हिल आश्रम पहुँचे, जहाँ स्वामी श्री मधुसूदन जी महाराज के शिष्यों ने उनका विशेष अभिनंदन किया। दिनभर के प्रवास के दौरान पूज्य गुरुदेव ने महाराज श्री द्वारा स्था...

उपाध्याय श्री रमेशमुनिजी शास्त्री म.सा के श्रमणाचार विषय अष्ठ प्रवचन माता”पांच समिति तीन गुप्ति” पर स्वाध्याय अनुप्रेक्षा

स्वाध्याय भवन साहूकारपेट चेन्नई में श्रमण संघीय उपाध्याय श्री रमेशमुनिजी शास्त्री म.सा के श्रमणाचार विषय अष्ठ प्रवचन माता”पांच समिति तीन गुप्ति” पर स्वाध्याय अनुप्रेक्षा 30 नवम्बर 2025 रविवार को साहूकारपेट के चेन्नई में बेसिन वाटर स्ट्रीट स्थित स्वाध्याय भवन में स्वाध्याय अनुप्रेक्षा कार्यक्रम में श्रमण संघीय उपाध्याय श्री रमेशमुनिजी शास्त्री म.सा के जिनवाणी मासिक नवम्बर में प्रकाशित चिन्तन श्रमणाचार अष्ठ प्रवचन माता : स्वरुप और चिन्तन पर वरिष्ठ स्वाध्यायी आर वीरेन्द्रजी कांकरिया द्वारा स्वाध्याय- अनुप्रेक्षा की गई |  वरिष्ठ स्वाध्यायी बन्धुवर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने स्वाध्यायी बन्धुवरों को संबोधित करते हुए कहा कि उपाध्याय रमेशमुनिजी ‘शास्त्री’ ने श्रमणाचार विषय चिन्तन अष्ठ प्रवचन माता स्वरुप में चिन्तन रखा हैं कि मुनि की माता अष्ठ प्रवचन माता हैं | समिति का अर्थ शु...

स्वाध्याय भवन साहूकारपेट चेन्नई में जिनवाणी पर स्वाध्याय अनुप्रेक्षा कार्यक्रम

23 नवम्बर 2025 रविवार स्वाध्याय अनुप्रेक्षा कार्यक्रम में श्रमण संघीय उपाध्याय श्री रमेशमुनिजी म.सा ‘शास्त्री’ के श्रमणाचार विषय अष्ठ प्रवचन माता : स्वरुप और चिन्तन पर वरिष्ठ स्वाध्यायी आर वीरेन्द्रजी कांकरिया द्वारा स्वाध्याय- अनुप्रेक्षा की गई |  वरिष्ठ स्वाध्यायी बन्धुवर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने मासिक पत्रिका जिनवाणी में प्रकाशित उपाध्याय श्री रमेशमुनिजी म.सा ‘शास्त्री’ के श्रमणाचार विषय अष्ठ प्रवचन माता : स्वरुप और चिन्तन के अंतर्गत कहा कि मुनि की माता अष्ठ प्रवचन माता हैं | ईर्या समिति के महत्वपूर्ण चार कारण गुरु वन्दन,आहार, विहार एवं निहार व ईर्या की विशुद्धि के चार कारण आलम्बन,काल, मार्ग एवं यतना पर विस्तृत अनुप्रेक्षा की | ईर्या समिति साधक की आत्मा के लिए परम विशुद्धि का कारण हैं | श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के निवर्तमान कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्र...

पूज्यश्री शालिभद्रजी म.सा के बालोतरा में संथारा पुर्वक देवलोकगमन हो जाने पर गुणानुवाद संपन्न

पूज्यश्री शालिभद्रजी म.सा के बालोतरा में संथारा पुर्वक देवलोकगमन हो जाने पर चेन्नई के साहूकारपेट बेसिन वाटर वर्क्स में स्थित स्वाध्याय भवन में गुणानुवाद संपन्न राजस्थान बालोतरा में श्रुतधर श्रदेय पूज्यश्री प्रकाशमुनिजी म.सा के सुशिष्य पूज्यश्री शालिभद्रमुनिजी म.सा के संथारा पुर्वक देवलोकगमन हो जाने पर चेन्नई के साहूकारपेट बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट में स्थित स्वाध्याय भवन में गुणानुवाद किये गए | वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री वीरेन्द्रजी कांकरिया ने शालिभद्रमुनिजी म.सा के दृढ़ता पूर्वक संयम पालन के अनेक उद्दरण धर्मसभा में रखते हुए कहा कि मुनि दीक्षित होने के पश्चात राजस्थान की गर्मी व भीषण सर्दी ठण्ड के मौसम में धूप व सर्दी की दैनिक रुप आतापना लेने वाले सन्त रत्न थे,जो भी श्रदालु राजस्थान में उनके विचरण क्षेत्र के नजदीक में जाते तो अवश्य ही महान सन्त रत्न के दर्शन की भावना से अवश्य दर्शन करने जाते थ...

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