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सेवा भक्ति में रखें विश्वास, भगवती कतई नहीं होने देगी भक्तों का अपमान : डॉ वसंतविजयजी म.सा.

सेवा भक्ति में रखें विश्वास, भगवती कतई नहीं होने देगी भक्तों का अपमान : डॉ वसंतविजयजी म.सा.

–श्रीभैरव–पद्मावती महायज्ञ में दी जा रही सूखे मेवे, रत्न, कमल पुष्पों इत्यादि की आहुतियां

–श्री पार्श्वपद्मावती तीर्थ धाम कृष्णगिरी में मंत्रों की गूंज, देवी भागवत कथा प्रसंगों से भक्त हो रहे आल्हादित

कृष्णगिरी। श्री पार्श्व पद्मावती शक्ति पीठ तीर्थधाम कृष्णगिरी में श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा वाचन के साथ यज्ञ हवन में वैदिक मंत्रों की गूंज ने आल्हादित करने वाले भक्तिमय माहौल को सूवासित कर दिया है। शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत, मंत्र शिरोमणि, भैरव देव के साधक एवं मां पद्मावती के उपासक परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की पावन निश्रा में श्रीभैरव–पद्मावती महायज्ञ में भक्तों के कल्याण हेतु बीज मंत्रों के साथ आहुतियां दी जा रही है। इसके लिए स्थानीय गुरुभक्त श्रद्धालु जनों के साथ साथ देश-विदेश से भी कोरियर पार्सल से सूखे मेवे, घी, सरसों, सुपारी, गूगल, हल्दी सहित अनेक दुर्लभ वस्तुएं प्राप्त हो रही हैं। कलाकारों द्वारा संगीतमय भजनों व पंडितों द्वारा ओम बं बटुकाय नमः स्वाहा तथा ओम ह्रीम पद्मावत्ये नमः स्वाहा के गुंजायमान स्वरों के साथ हो रहे इस श्रावण मास विशेष 29 दिवसीय भक्ति आराधना महायज्ञ महोत्सव में शुक्रवार को डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने कहा कि सनातन हिंदू ही नहीं अनेक धर्मों में शुक्रवार दिवस की धार्मिक विशेषता है।

अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक क्रियाओं में शुक्रवार की भक्ति सेवा सुफल कारक है। उन्होंने कहा कि समय का सदुपयोग करना ही सार्थक जीवन की पहचान है। परमात्मा की शक्ति के अंश के रूप में इंसान को स्वयं को समझना होगा। संतश्रीजी ने कहा कि दुनिया में अपनी चमक बढ़ाने के लिए प्राणी मात्र के प्रति दया, सेवा, क्षमा एवं गुरुभक्ति रूपी श्रृंगार से स्वयं को आलोकित करना चाहिए। सेवा भक्ति के प्रति अपने विश्वास को प्रगाढ़ करने की प्रेरणा देते हुए राष्ट्रसंतश्रीजी ने देवी भागवत कथा के आठवें दिन नवकार कल्प दिव्य स्तोत्र में ऋषभदत्त एवं मां पद्मावती के एक प्रसंग का विस्तार से उल्लेख किया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि समृद्धि को सदैव परमात्मा का प्रसाद मानना चाहिए। भक्तों का अपमान भगवती को कतई मंजूर नहीं है।

स्वामी विवेकानंदजी के उनके गुरु से जुड़े एक प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए डॉ वसंतविजयजी म.सा. ने कहा, संत किसी जाति-धर्म से बंधा नहीं होता। उन्होंने कहा कि वे धर्म सिद्धांतों से अवगत कराने के साथ–साथ व्यक्ति को स्वयं उसी से मिला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि साधु का काम धन लेना नहीं, बल्कि धर्म देना है। इस मौके पर पूज्य गुरुदेव ने बताया कि आगामी 2 अगस्त को नागपंचमी पर कालसर्प दोष निवारक नागदेव का विधान पूर्वक पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव के अधिकृत यूट्यूब चैनल थॉट योगा से लाइव प्रसारित किया जा रहा है।

कालसर्प दोष निवारण हेतु नाग पंचमी पर 2 अगस्त को होगा नागराजदेव का अभिषेक..

कृष्णगिरी तीर्थ धाम में क्षेत्रपाल देवता साक्षात नागराज देव की प्रतिमा का दुग्ध सहित पंचामृत अभिषेक आगामी 2 अगस्त, नाग पंचमी को किया जाएगा। प्रति वर्ष की भांति पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहब के पावन सान्निध्य में होने वाले अतिदिव्य एवं अलौकिक इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न शहरों से दूध, पंचामृत हेतु सहयोग (9051390513) भी उत्साह के साथ प्राप्त हो रहा है। हजारों लीटर दूध एवं अन्य पंचामृत से होने वाले इस अभिषेक के लिए व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार का दुख, संकट हो, कालसर्प दोष जैसा भी कष्ट क्यों न हो सभी का निवारण इस आयोजन की भागीदारी में संभव होगा। कष्ट मुक्ति का सरल चमत्कारी उपाय नागराज देव के इस अभिषेक–पूजन से होगा।

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