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सेवा कार्य से मानव महानता को प्राप्त करता है: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

सेवा कार्य से मानव महानता को प्राप्त करता है: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी ने आदिनाथ भगवान के भक्ति स्वरूप आचार्य मानतुंग जी द्वारा विरचित भक्तामर स्तोत्र की व्याख्या करते हुए कहा मानव जीवन की परसन्नता के लिए तरह तरह के प्रयास करता रहता है तन की बीमारिओ को दूर करने के लिए जीवन भर उपाय करता है परन्तु एक बिमारी पूर्ण होते ही दूसरी बिमारी तैयार हो जाती है! इसी क्रम मे जीवन समाप्त हो उठता है! ज़िन्दगी का कुछ समय धन को इकठा करने मे तो कुछ समय बिमारी के लिए धन खर्च करने मे लगाकर भी पूर्णतः सफलता नहीं मिलती!

इसके पीछे मूल कारण है पाप जिसपर इन्सान ध्यान न देकर सदा पाप के उपार्जन पर लगा रहता है! पुण्य के कार्य न करने के कारण अशांति सदा तन मन की बनी रहती है! रविवार के इस कार्यक्रम मे सुप्रसिद्ध डाक्टर नरेश गोयल (मालिक दिल्ली हार्ट एन्ड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल )के पिता श्री जगदीश जी गोयल एवं माता श्री शीला गोयल जी द्वारा जैन स्थानक बठिंडा मे बुजुर्ग लोगों के उतरने चढने के लिए लिफ्ट लगवाई गई जिसका भव्य उदघाटन श्री जगदीश जी गोयल ने अपने करकमलो से किया!

इस सेवा यज्ञ के उदघाटन प्रसंग पर मुनि जी ने सेवा धर्म की व्याख्या करते हुए वीर हनुमान जी व द्रोपदी आदि का उदाहरण देते हुए सेवा का महत्व प्रतिपादित किया, डाक्टर नरेश गोयल जी ने जनता को सावधान करते हुए कहा कि डेंगू व कोरोना महामारी के निवारण हेतू जन जागरण आवश्यक है, शरीर की, पानी की एवं मास्क की आवश्यकता पर आपने जोर दिया! सभा मे साहित्यकार श्री सुरेन्द्र मुनि जी द्वारा भक्तामर जी व सेवा धर्म पर प्रकाश डाला गया, महाप्रभु महावीर जी ने कहा था, जो दीन दुखी जन की सेवा करेगा वह प्रभु की सेवा कहलाएगी एवं मानव सेवा कार्य से ऊँचा गौत्र अर्थात सुख सुविधा से सम्पन्न बनता है! प्रधान महेश जैन महामंत्री उमेश जैन मन्त्री पुष्पपिंन्द्र व प्रमोद जैन द्वारा गोयल परिवार का अभिनन्दन किया गया! बाल संस्कार हेतु बालकों को, सामायिक हेतु महिलाओ को एवं आगनतुक जनता के लिए गोयल परिवार द्वारा विशेष प्रसाद वितरण कर आभार प्रकट किया गया! सभा के अंत मे महामंत्री उमेश जैन द्वारा सभी का अभिनन्दन किया गया व सामाजिक सूचनाएं प्रदान की गई।

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