श्रमण संघीय उप प्रवर्तक पंकज मुनि की निश्रा एवं ओजस्वी प्रवचनकार डॉ. वरुण मुनि की सद्प्रेरणा से जैन भवन, साहुकारपेट के प्रांगण में मरूधर केसरी दिव्य विभूति मिश्री मल जी म. एवं लोकमान्य संत शेरे राजस्थान प्रवर्तक रूपचन्द म. की जन्म जयंति भव्यातिभव्य रूप से धूमधाम पूर्वक मनाई गई।
मुनि रत्न रूपेश मुनि के मंगलाचरण द्वारा धर्मसभा का शुभारंभ हुआ। गच्छाधिपति आचार्य नित्यानंद सूरीश्वर जी म. ने कहा मरूधर केसरी मिश्रीमलजी वचन सिद्ध महापुरुष थे। वे रत्नों की खान थे। वे केवल आदरणीय ही नहीं आचरणीय भी थे। वे गुणों के इन्द्रधनुष थे। अध्यात्म योगी आचार्य वर्धमान सागर जी म. ने फरमाया वे संत सत्य में ही धर्म के केसरी सिंह थे। उनका जीवन मिश्री के समान मिठास भरा था। धर्म प्रभावक मुनिराज तीर्थवल्लभ विजय जी म.ने कहा- जीवन में गुरु का मिलना बहुत सौभाग्य की बात होती है। मरूधर केसरी जी जैसे संत धर्मसंघ का सौभाग्य थे।
संस्कार महिला शाखा द्वारा, युवारत्न प्रणत धींग, गौतम मूथा, मंत्री राजेश चोरडिय़ा, हस्तीमल खटोड़, समारोह के अध्यक्ष सुनील खेतपालिया एवं संघ के अध्यक्ष संपतराज सिंघवी आदि ने भजन व भावों द्वारा दोनों महापुरुषों के श्री चरणों में अपने श्रद्धा पुष्प अर्पित किए। समारोह में बेंगलूरु, कोयंबत्तूर, मैसूर, सिकंदराबाद, वेलाचेरी, पुरुषवाक्कम, टी. नगर, ओटेरी- कोसापेट, चूलै, विलीवाक्कम, पोरुर, अलवारपेट, पुलियांतोप, के. एल. पी. रायपेटा, विरुगमवाक्कम, तंडियारपेट आदि अनेक स्थानों से हजारों की संख्या में गुरुभक्त पधारे। सामायिक आराधना करने वाले बच्चों के लिए भी गुरुभक्त परिवार द्वारा प्रभावना दी गई। पन्नालाल सिंघवी, गौतम प्रसादी के लाभार्थी दिलीप कोठारी एवं समस्त कोठारी परिवार का सम्मान, जैन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष आनंद छल्लाणी आदि गणमान्य व्यक्तियों का श्रीसंघ के पदाधिकारियों ने शॉल, माला द्वारा सम्मान किया गया।