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सामायिक आध्यात्मिक चेतना के जागरण का प्रयोग है – साध्वी डॉ. रुचिकाश्री

सामायिक आध्यात्मिक चेतना के जागरण का प्रयोग है – साध्वी डॉ. रुचिकाश्री

🔹गणेश बाग में उपाध्याय गुरु पुष्कर मुनि जी जन्म जयंती पंच दिवसीय कार्यक्रम प्रारंभ


बेंगलुरु। श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी बावीस संप्रदाय जैन संघ ट्रस्ट, गणेश बाग श्री संघ के तत्वावधान में एवं शासन गौरव महासाध्वी पूज्या डॉ. श्री रुचिकाश्री जी महाराज, पूज्या श्री पुनितज्योति जी महाराज, पूज्या श्री जिनाज्ञाश्री जी महाराज के पावन सानिध्य में बुधवार दिनांक 6 अक्टूबर 2021 को श्री गुरु गणेश जैन स्थानक, गणेश बाग में साधना के शिखर पुरुष, विश्व संत उपाध्याय प्रवर पूज्य श्री पुष्कर मुनि जी महाराज के 112 वा जन्म जयंती के उपलक्ष में पंच दिवसीय कार्यक्रम आज 2-2-2 सामायिक एवं एकाशन दिवस से प्रारंभ हुआ।

साध्वी पूज्या श्री रुचिकाश्री जी महाराज ने अपने प्रवचन में फ़रमाया कि सामायिक आध्यात्मिक चेतना के जागरण का प्रयोग है। सामायिक समभावों का प्रवाह है। भौतिकता से प्रभावित इस संसार में हर व्यक्ति वास्तविक सुख की खोज में भटक रहा है। इस भटकन को दूर करने का और वास्तविक सुख के साक्षात्कार के लिए सामायिक एक विशिष्ट आध्यात्मिक प्रक्रिया है। सुख-दुख का प्रश्न व्यक्ति के संतुलन-असंतुलन से जुड़ा है। सुखी वही है जो संतुलित है। दुखी वही है जो असंतुलित है। दुख में सुख को पा लेने की प्रक्रिया है सामायिक। सामायिक की आराधना का अर्थ है जीवन में संतुलन। यह आत्मा में लीन होने की साधना है।

साध्वीजी ने फ़रमाया कि आचार्य कहते हैं कि एक व्यक्ति प्रतिदिन लाख स्वर्ण मुद्राओं का दान करता है और दूसरा आदमी मात्र दो घड़ी की सामायिक करता है तो वह स्वर्ण मुद्राओं का दान करने वाला व्यक्ति सामायिक करने वाले की समानता नहीं कर सकता। भगवान महावीर ने कहा है – पहली आवश्यकता है, समता की साधना। इसकी साधना किए बिना कोई भी व्यक्ति आध्यात्मिकता के क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकता, आत्मा की ओर प्रस्थान नहीं कर सकता। हम इसका मूल्य आंके। यह कोई सामान्य बात नहीं है। आत्म-कल्याण और पर-कल्याण की इससे बड़ी दूसरी कोई साधना नहीं है। जीवन में समता उतर आए तो फिर किसी बात की जरूरत नहीं रह जाती, कुछ पाना शेष नहीं रह जाता। आपने बताया कि यदि हम सामायिक के उद्देश्य, स्वरूप को सुरक्षित रखते हुए नयी सामायिक को विकसित करें तो आधुनिक युग का श्रावक धर्म से जुड़ा रहेगा, अपनी आत्मा से जुड़ा रहेगा, अपने जीवन मूल्यों को सुरक्षित रख सकेगा। तनाव और अशांति के इस माहौल में भी वह हर परिस्थिति पर विजय प्राप्त करके आत्मकल्याण का मार्ग भी प्रशस्त कर सकेगा। आपश्री ने प्रेरणा दी कि सामायिक ही मोक्ष का उत्कृष्ट साधन है इसलिए आलस्य त्यागकर नित्य अवश्य सामायिक का अभ्यास करना चाहिए।

गणेश बाग श्री संघ के सदस्य सुनील सांखला जैन ने बताया कि पंच दिवसीय गुरु पुष्कर जन्म जयंती कार्यक्रम के अंतर्गत सहजोड़े जाप, अनुकम्पा दिवस, प्रतियोगिताएं एवं गुणानुवाद सभा होंगे। आज से प्रारंभ हुआ प्रथम दिवस सामायिक एवं एकाशन दिवस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने 2-2 सामायिक एवं एकासन तप किये।

इस अवसर पर गणेश बाग श्री संघ के पदाधिकारी, ट्रस्टी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। इस अवसर पर शांतिलाल डुंगरवाल ने भी अपने विचार रखे। धर्म सभा का संचालन एवं स्वागत राजू सकलेचा ने किया। साध्वी श्री रुचिकाश्री जी ने मंगलपाठ फ़रमाया।

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