हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान हैl वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं, वह इस प्रकार हैंl
बंधुओं जैसे कि सब धर्म का कर सम्मान मैं सर्व धर्म समभाव में विश्वास रखती हूं सर्व धर्म समभाव का मतलब है सब धर्म का भला होl हमसे दूसरों का सबका भला हो सर्वधर्म भाव वाले सर्वधर्म शब्दार्थ सब की प्रति अच्छी सोच अच्छा व्यवहार भलाई का रास्ताl यह नहीं देखा कि कौन हिंदू कौन मुसलमान, सिख, ईसाई या पारसी भलाई का रास्ता सबके प्रति भलाई का नजरिया रखता हैl दूध का सार मलाई और धर्म का सार भलाई हमने सबका भला हो हमारा खून हमारी औकात अगर किसी के काम आ सके हमसे किसी का भला हो जाए तो सौभाग्य जीवन के लिए एक ही मंत्र अपना एक भी पॉजिटिव खास तौर पर सस्ता सच्चे नेता को जीने के लिए मनुष्य की आग में जलने से बचने के लिए मां की शांति और संसार में सुख से जीने के लिए हर हाल में याद रखोl बी पॉजिटिव सकारात्मक जीवन चेंज योर एटीट्यूड चेंज योर लाइफ नजरिया बदल जीवन अपने आप संवर जाएगा तोडे चिंता का चक्रव्यूह तनाव का प्रमुख कारण हैl
चिंता चिंता की दहलीज पर व्यक्ति एक बार जलता है पर चिंता की दहलीज पर वह जीवन भर जलता रहता हैl किसी सार्थक सकरत्मक विधायक नमक बिंदु पर किया गया चिंतन और मनन को व्यक्ति को सार्थक परिणाम देता हैl बिंदु पर पुनः क्या जाने वाला चिंतन व्यक्ति के मानो मस्तिक में तनाव भर देता है चिंता तो चक्रव्यूह हैl अभिमन्यु की तरह हम इसमें प्रवेश करना तो जानते हैं पर इसमें से बाहर निकलना नहीं जानतेl
रात में सोए तो सुबह की चिंता सुबह जागे तो दिन की चिंता दोपहर में श्याम की चिंता चिंता का यह रोग मनुष्य को दिन में सूख कि रोटी और रात में चैन की नींद नहीं लेने देता चिंता और तनाव जब मन में समा जाते तब व्यक्ति मनोरोगी भी हो जाता हैl व्यक्ति चिंता से इतना ग्रस्त हो जाता है की सारी सुख सुविधा भी उसे संतुष्ट नहीं कर पाती वह नींद की गोली लिए बिना सो नहीं सकता है सो चिंता नहीं करनी चाहिए एवं धर्म ध्यान में मन लगाना चाहिए यही जीवन जीने की कला हैl
जय जिनेंद्र, जय महावीर, कांता सिसोदिया, भाईंदर🪷🪷🪷🪷🪷