नागदा (निप्र)- महावीर भवन में महासति दिव्यज्योतिजी ने कहा कि संसार में दो प्रकार के मनुष्य होते है इसमें सज्जन पुरूष हमेंशा प्रयास करता है कि किसी भी तरह सबको सुख शांन्ति प्रेमपूर्वक व्यवहार से सामने वाले के में सुखी सम्पन्न रखकर हमेशा उसके मन में मेरे प्रति दुआ करके जिसमें मेरे मन में भी शान्ती प्रदान करे जबकि सज्जन कम और दूर्जन अधिक है तो दुर्जन हमेशा इस प्रकार का कार्य करता है कि दुसरो को दुःख, पीड़ा, कपट पहुंचाकर उसको अनुपम सुख की प्राप्ति होती है। जैसे त्रीफला लेने के बाद मनुष्य का तन, मन, शुद्ध हो जाता है, हमें त्रीफला बनना चाहये।
मीडीया प्रभारी महेन्द्र कांठैड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि तप तपेश्वरी महासति पूज्य सौम्याश्रीजी म.सा. के आज 18 उपवास की तपस्या चल रही है। तेले की तपस्या नेहा गौतम राठौड़ जाप की प्रभावना दीपकजी पारसजी चोरडिया एवं अतिथि सत्कार का लाभ राजेश कुमार जी दीपककुमारजी दलाल ने लिया। संचालन अरविन्द नहर ने किया एवं आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत एवं चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने माना।
दिनांक 19/09/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला