ऋषभ बालिका मंडल के विदेशी सदस्यों ने अपने बच्चो के लिए रमीला जैन से आवासीय संस्कार प्रशिक्षण शिविर लगाने की मांग
हमेशा से कहा जाता रहा है कि विदेश जाने वाला हर व्यक्ति अपने संस्कारों से भी दूर हो जाता है। व्यवहारिक रूप से इसे कई लोग सही भी माने लेकिन मैं और हमारे जैसे काफी ऐसे लोग हैं, विदेश में रहने के बावजूद भी अपने संस्कारों से जुड़े हुए हैं और अपने बच्चों को भी वही शिक्षा देते हैं। यह सब इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि हमे हमारे संस्कार हमारे माता पिता और रमीला दीदी से मिले हैं। मैं शादी के बाद से अमरीका मे रह रही हैं, मेरे बच्चे भी वही पैदा हुए और वही रह रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी हमने अपने बच्चों को वही संस्कार दिए हैं जो हमने अपने गुरुओं से पाया है।
इसके बावज़ूद भी मैं यह समझती हूं कि जो ज्ञान हमने वह सम्पूर्ण ज्ञान हम अपने बच्चों को देने में सफल नहीं हो पाए हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि चेन्नई से बाहर रहने वाले बच्चों के लिए भी आवासीय संस्कार प्रशिक्षण शिविर लगाया जाना चाहिए। इस शिविर के आयोजन की पूरी जिम्मेदारी रमीला दीदी की हो तभी हमसे जो छूट गया वह हमारे बच्चें भी सीख पाएंगे। यह कहना है अमरीका में रहने वाली प्रियंका जैन का।
सेवारत्न’ श्रीमती रमिला जैन – “शासन ज्योति – कला साम्राज्ञी” पद से अलंकृत
चेन्नई महानगर में आयोजित “अहो विरल समर्पणम्…” कार्यक्रम में जिनशासन की नारियो के सशक्तिकरण के लक्ष्य के साथ अब तक लगभग 4000 से अधिक सदस्याओं के प्रेरणा स्त्रोत एवं जिस मंडल के माध्यम से अब तक 23 सदस्याएं संयम के मार्ग पर अग्रसर हुई ऐसे ‘शासन समर्पिता – कला शिरोमणि’ श्री ऋषभ बालिका मंडल की पिछले 32 वर्षो से संचालिका व भारतभर के विभिन्न प्रांतो में दीक्षा, प्रतिष्ठा, तपस्या, गुरु भक्ति, वैयावच्च,साधर्मिक भक्ति, पर्युषण आराधना जैसे अनेक शासन प्रभावक कार्यो का नेत्तृत्व करते हुए 32 वर्षो से सदा निस्वार्थ सेवा प्रदान करनेवाली सेवारत्न “श्रीमती रमिला जैन” को सकल श्री संघ की उपस्थिति में “शासन ज्योति – कला साम्राज्ञी” पद से अलंकृत किया गया ।
पदवी प्रदान आज्ञा 125 शिष्याओं की गुरुमाँ “पू. सा. श्री अनंतकीर्तिश्रीजी म.सा.” ने पत्र द्वारा दी । इस अवसर पर प.पू.आ. श्री मेघदर्शनसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा , गच्छाधिपति आचार्य श्री उदयप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य प.पू.गणिवर्य श्री अर्पणप्रभ वि. म.सा. आदि ठाणा, प.पू.मु. श्री तीर्थवल्लभ वि. म.सा. एवं प.पू.मु. श्री तीर्थचैतन्य वि. म.सा. आदि ठाणा के शुभाशीष प्राप्त हुए । श्री ऋषभ बालिका मंडल चेन्नई की सदस्याओ ने श्रीमती रमिला जैन के संघर्षमय जीवन सफर एवं अनेक उपलब्धियों को हृदयस्पर्शी नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिसे देख पूरी सभा अपने स्थान पर खड़े होकर तालियों के साथ उनके शासन प्रेम की सराहना की । प.पू.सा. श्री नन्दिवर्धनाश्रीजी म.सा. ने अपने प्रवचन में मंडल के प्रारम्भ से अभी तक की गतिविधियों पर प्रकाश डाला ।
मंगल मुहर्त में पधारे सभी श्रमणी भगवंत प.पू.सा. श्री नन्दिवर्धनाश्रीजी म.सा., प.पू.सा. श्री धृतिवर्धनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, प.पू.सा. श्री पूर्णगुणाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, प.पू.सा. श्री जयरेखाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, प.पू.सा. श्री काव्यरत्नाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, प.पू.सा. श्री जिनाज्ञानिधिश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, प.पू.सा. श्री मोक्षरसाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, प.पू.सा. श्री श्रद्धान्विताश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, प.पू.सा. श्री नि:संगवर्धनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, प.पू.सा. श्री काव्यदर्शिताश्रीजी म.सा. आदि ठाणा, प.पू.सा. श्री संयमपूर्णाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा ने एक साथ ‘सेवारत्न’ श्रीमती रमिला जैन को “शासन ज्योति – कला साम्राज्ञी” पद से अलंकृत किया ।
तत्पश्चात उपकारों का स्मरण करते हुए श्रीमती रमिला जैन ने पूज्य साध्वीजी भगवन्तो को , पण्डितवर्य श्री कुंवरजीभाई दोशी को एवं अपने लुंकड परिजनों का अक्षत से वधामना किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शा शांतिलालजी सोकलचंदजी (अध्यक्ष : श्री चन्द्रप्रभु जैन नया मंदिर ट्रस्ट) एवं विशेष अतिथि शा मनीषजी परमार (KLP Projects Pvt Ltd.) का अभिनन्दन किया गया । भारत भर से ऋषभ बालिका मंडल के भूतपूर्व सदस्याए इस अवसर पर पधारे और उन्होंने रमिलाजी का अभिनन्दन किया । अनेक सदस्यों ने संस्कृत, हिंदी, तमिल, अंग्रेजी,गुजराती आदि विविध भाषाओ में अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये । इस अवसर पर नवकार परिवार एवं चन्द्रप्रभु सेवा मंडल के सदस्यों का सहयोग रहा “शासन गौरव – युवा संघरत्न” मनोज राठोड, चेन्नई ने सभा का सफल संचालन किया । अंत में श्रीमती रमिलाजी ने अपने वक्तव्य में सभी का आभार ज्ञापित किया ।