चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा की दीपावली के पहले लोगो ने जिस प्रकार से घर की सफाई कर साफ सुथरा रखा है वैसे ही आत्मा को भी शुद्ध कर हमेसा साफ रखने का संकल्प लेना चाहिए।
घर की गंदगी को 5 मिनट में साफ किया जा सकता है। लेकिन आत्मा में थोड़ी भी गंदगी आई तो जीवन को नर्क में पहुचा सकती है। आत्मा के गंदगी से3 जो बच जाएंगे वह जीवन को बेकार होने से बचा लेंगे।
उन्होंने कहा कि कहने मात्र से जीवन मे बदलाव नही हो पायेगा। बदलाव करने के लिए संकल्प बहुत ही जरूरी है। संकल्प लेकर उसके अनुरूप अगर कार्य किया तो साफलता से पीछे नहीं होंगे। जीवन मे आगे जाने के लिए संकल्प और सही मार्ग बहुत जरूरी होता है।
संकल्प लो तो उसे तोड़ो मत। अगर तोड़ना है तो संकल्प ही नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो संकल्प तो ले लेते है लेकिन समय आने पर उसे आसानी से तोड़ देते है।
उन्हें लगता है कि खुद से ही तो लेना है फिर कभी ले लेंगे। लेकिन याद रहे संकल्प लेकर अगर तोड़ा तो समझो खुद का खुद से विश्वास तोड़ दिया। विश्वास तोड़ना जीवन का सबसे गलत कार्य होता है।