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व्रत जीवन का सुरक्षा कवच है : मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार

व्रत जीवन का सुरक्षा कवच है : मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार

पर्युषण महापर्व में आज मनाया गया व्रत चेतना दिवस

श्रीमती सुजाता बोथरा के 9 (नौ) के तप का अभिनंदन

आचार्य महाश्रमण के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जी , मुनि रमेश कुमार जी , मुनि पद्म कुमार जी एवं मुनि रत्न कुमार जी के पावन सान्निध्य एवं श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में सभी संघीय संस्थाओं के सहयोग से रविवार को पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का पांचवां दिन व्रत चेतना दिवस के रूप में मनाया गया।

इस अवसर पर मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जी ने उपस्थित अपार जनमेदिनी को फरमाया कि व्रत जीवन की सुरक्षा है। त्याग बंधन नहीं है, सुरक्षा कवच है। जहां त्याग नहीं है वहां जीवन सुरक्षित नहीं है। इसलिए जैन धर्म में बारहव्रतों का विधान है।

मुनि रमेश कुमार जी ने उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि व्रत छोटा-सा शब्द है, जिसमें अपार शक्ति है। व्रत मन की तृप्ति का सर्वोत्तम साधन है। व्रत से वासना एवं कामनाओं के द्वार बंद होते हैं। व्रत से आर्थिक उन्माद पर नियंत्रण किया जा सकता है। इसलिए व्रत चेतना दिवस पर हम संकल्प लें तथा अपने जीवन को कृतार्थ करें। कार्यक्रम का संयोजन मुनि पद्म कुमार जी ने कुशलतापूर्वक किया।

तपस्विनी श्रीमती सुजाता बोथरा (धर्मपत्नी : विवेक कुमार बोथरा) के 9 (नौ) की तपस्या के उपलक्ष्य पर परिवार की ओर से वक्तव्य एवं गीतिका के माध्यम से तप की अनुमोदना की। इस अवसर पर तेरापंथी सभा, गुवाहाटी की ओर से साहित्य एवं अनुमोदना संदेश प्रदान कर तपस्विनी बहिन के तप की अनुमोदना की गई।

किशोर मंडल के सदस्यों ने मधुर गीतिका का संगान किया। पर्युषण पर्व पर अखंड जाप के क्रम में सोमवार को लाडनूं, डीडवाना, खाटू, नागौर एवं दौलतपुरा क्षेत्रों का जाप होगा। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बाबूलाल सुराणा एवं मंत्री राजकुमार बैद ने सभी समाजबंधुओं से पर्युषण महापर्व के दौरान आध्यात्मिक लाभ लेने का आह्वान किया है। इस आशय की जानकारी सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन जम्मड़ ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।

*संप्रसारक*

*श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गुवाहाटी असम*

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