जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान मे आज रविवार 18 अगस्त 2024 को स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट चेन्नई मे व्याख्यान माला का आयोजन हुआ |
स्वाध्यायी श्री वीरेन्द्रजी कांकरिया ने आचार्य हस्ती के सन्देश सम्यक आजीविका से आत्म विकास पर विस्तृत प्रकाश करते हुए कहा कि आचार्य हस्ती ने फरमाया कि सद्गृहस्थ कभी महा आरम्भ व महापाप का धन्धा नही करता हैं आत्मा को बलवान बनाने हेतु सद् आचरण करना होगा | अंशु संजय सुराणा के जीवन बोध विचारों के अंतर्गत उतराध्य्यन, दशवैकालिक, सूत्रकृतांग आदि आगमों की विभिन्न गाथाओं का उल्लेख करते हुए उनमे वर्णित अनेक उद्दरणों मे मृगापुत्र, सयन्ति राजा, अनाथी मुनि, जम्बू स्वामी गजसुकमाल मुनि, कपिल केवली, प्रभव मुनि ने समझा कि लोक मे तृष्णा की तृप्ति कभी संभव नहीं हो सकती और तृष्णा का त्याग कर संतोष की राह पर बढ़ते हुए मोक्ष रुपी मंजिल को प्राप्त कर लिया |
साहित्यकार डा दिलीपजी धींग ने खटीक समाज पर कमला माताजी के ऐतिहासिक उपकार के बारे मे बताते हुए कहा कि पुरुषार्थ करते हुए कमला माताजी की सैकड़ों की संख्या मे खटीको को मांसाहारी से शुद्ध शाकाहारी बनाने मे ऐतिहासिक भूमिका रही,इस हेतु साधिका का श्री समीर मुनिजी ने सहयोग लिया व 1 मई 1958 को हजारों की संख्या मे खटीकों को अहिंसक व व्यसन मुक्त करते हुए श्रद्धा की आस्था पर दृढ़ करते हुए प्रभु महावीर के अनुयायी के रुप मे वीरवाल बनाया, जिनशासन मे माता कमला का नाम अमर हो गया हैं | उमेशमुनिजी अणु ने प्राकृत भाषा मे कमला माता अष्ठक की रचना कर उनके कार्यों की अनुमोदना की | 1958 से 2005 कुल 47 वर्षों के दीर्घ काल तक साधिका ने जिनशासन की सेवाएं की जो इतिहास मे अमर हो गयी हैं | आचार्य आनंदऋषि आचार्य हस्ती, आचार्य तुलसी, आचार्य कांतिसागर, तपस्वीराज चम्पालालजी महाराज उपाध्याय अमरमुनि मरुधर केसरी, प्रवर्तक पन्नालालजी महाराज साध्वी विचाक्षणाजी सभी ने साधिका कमला माताजी के कार्यों व वीरवाल समाज के पृवर्तियों की सराहना रुप मे आशीर्वचन प्रदान किए | श्रमण सूर्य मिश्रीमलजी महाराज के जन्मजयन्ति प्रसंग होने पर उनके द्वारा राजस्थानी भाषा मे लिखे अनेक जैन साहित्य व उनके करुणामय चरित्रमय जीवन पर प्रकाश किया |
श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने जयगच्छीय आचार्यश्री शुभचन्द्रजी महाराज के 85 वें जन्मदिवस पर उनकी सरलता सादगीपूर्ण गुणग्राहीता पूर्ण चरित्रमय जीवन पर गुणगाण करते हुए कार्यक्रम मे उपस्थित 61 वीं ओली आयम्बिल तप की सजोडे तपस्या करने वाले तपस्वी रत्न मनोज-सरिताजी सेठिया के तपस्या की श्रावक संघ, तमिलनाडु की ओर से साता की पृच्छा कर साधुवाद ज्ञापित करते हुए अभिनन्दन किया |
कार्यक्रम मे जे.कमलचन्दजी चोरडिया,प्रेमजी बागमार, युवक परिषद शाखा प्रमुख संदीपजी ओस्तवाल, महावीरचन्दजी छाजेड, कांतिलालजी तातेड़, योगेशजी श्रीश्रीमाल, गौतमचन्दजी मुणोत, विनोदजी जैन, मनीषजी उज्ज्वल श्रीमती शशिजी कांकरिया आदि की उपस्थित प्रमोदजन्य रही | रुपराजजी सेठिया ने मांगलिक सुनाई | तीर्थंकरों, आचार्य भगवन्तो, उपाध्याय भगवन्तोभावी आचार्यश्री, साध्वी प्रमुखा सन्त-सती मण्डल की जयजयकार के संग कार्यक्रम पूर्ण हुआl