Share This Post

Featured News / Featured Slider / Khabar

विजयरत्नाचल सूरि जी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात

विजयरत्नाचल सूरि जी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात

समस्त जिनशासन के लिए ऐतिहासिक एवम् अविस्मरणीय क्षण

प.पू. आचार्य देव श्री विजयरत्नाचल सूरि महाराज आदि ठाणा ने राष्ट्रपति भवन में की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात।

अनेक वर्षों के पश्चात् श्वेतांबर जैन आचार्य श्री का हुआ राष्ट्रपति भवन में पदार्पण।

दिनांक 25 अगस्त 2023 के दिन मरुधर रत्न प.पू. आचार्य देव श्री रत्नाकरसूरि महाराज के शिष्य आचार्य श्री विजयरत्नाचल सूरी महाराज आदि साधु साध्वीने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज तक जैन साधु की त्याग एवं तपस्या के बारे में बहुत कुछ सुना था लेकिन आज प्रथम बार उनके दर्शन हुए है यह मेरा परम सौभाग्य है।वे इतनी धूप में नंगे पांव चलकर यहां आए हैं। आज का विज्ञान भी कहता है कि नंगे पाव चलने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।अंग्रेजो ने हमे चप्पल पकड़ा दी है वरन पहले और आज भी गांव के लोग नंगे पांव ही चलते हैं।मुझे भी नंगे पांव ही चलना अच्छा लगता है लेकिन आज की तारीख में यह संभव नहीं है।आप सर के बाल भी खींचकर निकालते हैं।आपकी तपस्या को मैं नमन करती हूं।

इस दौरान आचार्य श्री ने उन्हे संबोधित करते हुए कहा कि

संस्कृति की सुरक्षा से ही भारत सही मायने में समृद्ध एवं विश्वगुरु बन सकता है। अपनी प्राचीन धरोहरों की सुरक्षा से ही संस्कृति की रक्षा हो सकती है।

आचार्य श्री ने उन्हें जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर के 2550वे निर्वाण कल्याण के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में जुड़ने का आमंत्रण भी दिया।

इस दौरान अहमदाबाद एलडी इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र बी. शाह ने स्टेचू ऑफ़ यूनिटी केवड़िया कॉलोनी के आसपास एक विशिष्ट एवं वैश्विक जैनधर्म का केंद्र बनाने हेतु आवेदन पत्र भी दिया।

राष्ट्रपति भवन में सबके आकर्षण का केंद्र *बालमुनि श्री हेमसृष्टि महाराज* रहे। इतनी छोटी सी उम्र में दीक्षा लेकर वो राष्ट्रपति भवन में पधारे थे। स्वयं महामहिम राष्ट्रपति ने आश्चर्यचकित होकर पूछा कि क्या आपने भी दीक्षा ले ली है?

*जब बालमुनि ने उन्हे हा कहा तो उनकी आंखे भर आई।*

*उनके अभ्यास आदि की पृच्छा करने के पश्चात कहा कि ज्ञानार्जन करना आवश्यक है चाहे स्कूल जाए या ना जाए। राष्ट्रपतिजी ने स्वयं अपने हाथो से उन्हे केडबरी दी तो बालमुनि ने साभार अस्वीकार करते हुए कहा कि हम सिर्फ घर का भोजन करते हैं।बाहर की बनी कुछ चीज नही खाते तो राष्ट्रपति अहोभाव से भावित हो गए।छोटे से जैन साधु के तप त्याग पर उन्हें अत्यंत आदर उत्पन्न हुआ।

आचार्यश्री की ओर से राष्ट्रपतिजी को श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान की एक सुंदर तस्वीर भेंट की गई जिसे भवन में उचित स्थल पर लगाया जाएगा।

इस अवसर पर श्री पंकज सेठ, मनीष महेता, महेश शाह, राजेश जैन, अजय जैन आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar