टेढ़ी जुबान से जहां नजदीकियां भी खत्म हो जाती है वहीं मीठी जुबान से बनी हुई दूरियां दूर हो जाती है। मीठा बोलेंगे तो लोगों के दिलों में उतरेंगे और कड़वा बोलेंगे तो लोगों के दिलों से उतर जाएंगे। अगर पूरा देश मीठी भाषा को अपना ले तो पूरी दुनिया भारत की लट्टू हो जाएगी। शब्दों में बड़ी जान होती है, इसी से आरती अरदास और अजान होती है, ये समंदर के वे मोती हैं जिनसे अच्छे आदमी की पहचान होती है। उन्होंने कहा कि जब भी मुसीबत आती है तो मुंह के रास्ते आती है। महाभारत का युद्ध भी कड़वी जुबान के कारण हुआ था।
अगर व्यक्ति विपरीत वातावरण में अपनी जुबान पर केवल 2 मिनट का धैर्य व शांति धारण कर ले तो वह 90 प्रतिशत माथाफोडिय़ों से स्नेहा श्री जी म सा ने कहा कि हमारी भाषा में 3 गुण होने चाहिए शिष्ट अर्थात शिष्टाचार युक्त, मिष्ट अर्थात मीठी और इष्ट अर्थात प्रिय। अगर व्यक्ति भाषा में ये 3 गुण ले आए तो वह लोगों के दिलों में सदा राज करेगा। उन्होंने कहा कि केवल मीठा खाओगे तो बीमार पड़ोगे पर मीठा बोलना शुरू कर दोगे तो सदाबहार स्वस्थ और प्रसन्न रहोगे, यह दुनिया आप पर फिदा हो जाएगी। आज सादडी जैन श्रावक संघ एवं महिला स्वाध्याय संघ दर्शनार्थ एवं प्रवचनार्थ उपस्थित हुआ! आकुर्डी निगडी प्राधिकरण श्री संघ द्वारा स्वागत किया गया!उपाध्यक्षा शारदाजी चोरडीया एवं स्वागत समिती द्वारा सादड़ी संघ को सम्मानित किया गया!