राजस्थान पत्रिका और एक्ष्नोरा इंटरनेशनल के संयुक्त तत्वाधान में चलाए जा रहे हरित प्रदेश अभियान के तहत आज विश्व पर्यावरण दिवस पर पोधारोपण कार्यक्रम जिनकुशलसूरीजी जीनचंद्र सूरीजी ट्रस्ट दादाबाड़ी आयनावरम मैं श्रुतप्रभावक मुनिपराज श्री डॉ. वैभवरत्न विजयजी म.सा. आदि मुनि भगवंत की निश्रा मैं आयोजित किया गया। शुरुआत मंगलाचरण से की गई, मुनिराज डॉ. वैभवरत्न विजयजी म.सा. ने पर्यावरण पर विशेष जानकारी देते हुए प्रवचन दियाl
इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉक्टर के मुथू कुमार प्रोग्राम ऑफिसर डिपार्टमेंट ऑफ एनवायरमेंट एंड क्लाइमेट चेंज गवेनमेंट ऑफ तमिलनाडु ने पर्यावरण के विशेष गुणों की जानकारी विस्तार से दी। पर्यावरण हितेषी पोस्टर का विमोचन गुरुभगवंत एवं मुख्य अतिथि के हाथो द्वारा किया गया। इस मौके पर एक्ष्नोरा उतरी चेन्नई के सचिव फतेहराज जैन ने कहा कि 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस हम सभी को मनाना चाहिए।
पर्यावरण के बिना धरती मां का श्रंगार अधूरा है, हम कितने भी विकसित हो गये लेकिन मानसिक शांति आज भी प्रकृति की गोद में ही मिलती हैl पर्यावरण का संतुलन रहना हमारे जीवन में अति आवश्यक है पर्यावरण का मिजाज लगातार बिगड़ रहा हैl इसकी भरपाई किसी न किसी आपदा के रूप में हो रही है। पेड़ ना केवल मानव के आवश्यकत है बल्कि पक्षियों के रहने का मुख्य ठिकाना है, पक्षी हमें बाढ़, तूफान जैसी हर तरह की आपदा की जानकारी अपनी आवाज से देते हैंl वे मानव समाज के सुभचिंतक है, पेड़ पौधों का भी अपना परिवार होता है।
इनकी रक्षा करना हमारा दाहित्व है, भोजन एवं पानी के बिना तो हम कुछ दिन रह सकते हैं लेकिन हवा (ऑक्सीजन) के बिना एक पल भी जीना दुर्लभ हो जाता हैl पर्यावरण का संतुलन बिगड़ने से धरती का औसत तापमान बढ़ने से पानी की किल्लत बारिश समय पर ना आना ऋतुओं का बदलना आदि कई समस्याओं का सामना करना पड़ता हैl
इसलिए ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण संरक्षण वृक्षारोपण पर ध्यान दें जिससे हमें शीतल छाया, ऑक्सीजन, शुद्ध हवा, शुद्ध पानी कई प्रकार के फल, फूल औषधियों के लिए जड़ी बूटियां चारों तरफ हरा भरा वातावरण, खेत खलियान लहराते हुए, पक्षियों की मधुर आवाज सुनाई देना, बारिश का समय पर आना, नदियों, झरनों का कल कल मधुर आवाज सुनाई देना, यही तो धरती मां का श्रंगार है। इस मौके पर एक्सनौरा के गोविंदराज, सारथी, वसुंधरा, लोकाबी, राजेश गुलेशा, अश्विन, राहुल एवं कई पर्यावरण प्रेमीयो ने भाग लिया।