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मन वचन काया पर नियंत्रण करने वाला ही तीर्थंकर बन सकता है: महासति दिव्यज्योतिजी म.सा.

मन वचन काया पर नियंत्रण करने वाला ही तीर्थंकर बन सकता है: महासति दिव्यज्योतिजी म.सा.

नागदा जं. निप्र– महावीर भवन में महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ने कहा कि तीर्थंकर के सर पर तीन छत्र होते हैं तीनों मन वचन काया के प्रतीक होते हैं । इन तीनों पर जिसने पूर्णरूपेण नियंत्रण कर लिया तब इन तीनों पर श्रद्धा भाव जागृत होकर आ जाते हैं।

मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि महासती पूज्य स्वामी श्री जी के 10 उपवास चल रहे है। तेला लड़ी चंद्रकांता रजनीश भटेवरा के चल रहे हैं । धर्म चक्र की तपस्या श्री रमेश जी तातेड द्वारा पूर्ण की गई । अभय जी नरेश जी बरडिया खाचरोद वाले ने महासती मंडल के दर्शन वंदन एवं आशीर्वाद प्राप्त किए। श्री नरेश जी बरडिया के 20 उपवास के शुभ अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष प्रकाश चंद जैन सांवेरवाला एवं दिलीप कांठेड ने माला एवं शाल से सम्मानित किया।

पूना महाराष्ट्र निवासी कमलेश जी पुनिया एवं प्रशांत भटेवरा का माला एवं शाल से संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश चंद बुडावनवाला एवं धर्मेंद्र बम ने किया। वरिष्ठ सुश्रावक इंदौर निवासी कमल जी भटेवरा एवं हार्दिक जैन ने भी गुरुदेव के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। जाप की प्रभावना श्रीमती शकुंतला नानालल जी नाहर ने वितरित की।

अतिथियों का अभिनंदन एवं सत्कार नरेश कुमार जी नितिन कुमार ने किया । संचालन राजेन्द्र कांठेड़ ने किया एवं आभार चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने माना।

दिनांक 11/09/2022

 मीडिया प्रभारी

    महेन्द्र कांठेड

  नितिन बुडावनवाला

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