*☀️ प्रवचन वैभव☀️*
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4️⃣7️⃣
*💧 पर्युषण तत्त्वधारा-12💧*
231)
हम अपने
भावो के मालिक है
पदार्थो पर कोई अधिकार नहीं
अतः भाव रहित त्याग
कल्याणकारी नही बन सकता.!
232)
संयोग से संयोग हुआ,
वियोग से संयोग छूट जावेगा,
इससे अधिक कोई संबंध नहीं
आत्म के अतिरिक्त पदार्थो से..!
233)
सबसे मुश्किल
समकित प्राप्ति हैं.!
234)
समकित
अतिमुल्यवान है
उसे पाने के लिए नम्र
सरल संतोषी विनय
विवेकशील बनना ही पड़ेगा.!
235)
दोषों का त्याग श्रेष्ठ त्याग
सद्गुणों का दान श्रेष्ठदान है.!
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*प्रवचन प्रवाहक:*
*युग प्रभावक वीर गुरुदेव*
*सूरि जयन्तसेन चरण रज*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर