Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

भक्तों को अमर बनाता हैं भक्तामर स्तोत्र : मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार

भक्तों को अमर बनाता हैं भक्तामर स्तोत्र : मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार

आचार्य महाश्रमण के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार, मुनि रमेश कुमार, मुनि पद्म कुमार एवं मुनि रत्न कुमार के पावन सान्निध्य में तेरापंथ धर्मस्थल में आयोजित आगम आधारित प्रवचनमाला में रविवार को मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि भक्तामर स्तोत्र की साधना से भक्त अमर बन जाते हैं। ये मंत्र नहीं, स्तोत्र हैं। इसका मूल नाम आदिनाथ स्तोत्र है तथा इसके रचनाकार आचार्य मानतुंग हैं। इसके मूल श्लोक 44 हैं तथा बाद में 4 श्लोक जोड़े गए हैं।

   मुनि रमेश कुमार ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ सेवा के कारण महान बना है। आज यह संघ जन-जन के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। संघ में नवदीक्षित मुनि, बीमार साधु-साध्वियों आदि की जो सेवा की जाती है वह दूसरों के लिए अनुकरणीय बन जाता है। मुनिश्रीजी ने तेरापंथ धर्मसंघ की देदीप्यमान एवं सुदीर्घजीवी 107 वर्षीय साध्वी बिदामांजी के देवलोकगमन पर उनकी स्मृति में कई रोचक प्रसंग सुनाए।

 मुनि पद्म कुमार ने भी उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को प्रेरक प्रसंग सुनाए।

साथ ही मुनिवृंद के पावन सान्निध्य एवं श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, गुवाहाटी के तत्वावधान में तेरापंथ धर्मस्थल के नवीनीकृत महावीर प्रांगण (तीसरा तल्ला-पीछे) के लोकार्पण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हॉल के अनुदानदाताओं के साथ ही भवन नवीनीकरण टीम का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बाबूलाल सुराणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन जम्मड़, मंत्री राजकुमार बैद, वरिष्ठ सहमंत्री राकेश जैन एवं सहमंत्री अशोक कुमार बोरड़, कोषाध्यक्ष छत्तरसिंह भादानी, महासभा के उपाध्यक्ष विजय कुमार चोपड़ा, ट्रस्टी प्रताप कोचर एवं कार्यकारिणी सदस्य बजरंग कुमार सुराणा तथा कार्यक्रम संयोजक राजेश जमड़ एवं राकेश बैंगानी उपस्थित रहे। इस आशय की जानकारी सभा के खान-पान व्यवस्था समिति के संयोजक माणक जम्मड़ ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।

*संप्रसारक*

*जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गुवाहाटी असम*

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar