*🏳️🌈प्रवचन वैभव🏳️🌈*
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2️⃣3️⃣
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111)
आयुष्य
प्रतिपल क्षीण
हो रहा है, ये बोध
होता तो किसी के साथ
कभी अन्याय नही करते.!
112)
भाव
प्राणों की हिंसा
नर्क निगोद का मार्ग हैं.!
113)
काल
उसका कुछ भी
नही बिगाड़ सकता
जो स्वभाव का व्यसनी हो.!
114)
प्रायश्चित
भाव के बिना
शाल्यमुक्ति असंभव हैं.!
115)
पदार्थ अभाव के
दुख का रोना बंध करो.!
स्वभाव में रहोगे तो
अभाव से मुक्त हो जाओगे.!
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*प्रवचन प्रवाहक:*
*युग प्रभावक वीर गुरुदेव*
*सूरि जयन्तसेन कृपापात्र*
श्रुत संस्करणप्रेमी,शिष्यरत्न
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर